भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेला गया दूसरा वनडे मुकाबला रोमांच से भरा रहा। रायपुर के मैदान पर दोनों टीमों ने जोरदार बल्लेबाजी की और मैच एक high-scoring thriller बन गया। भारत ने पहले बैटिंग करते हुए 358 का बड़ा स्कोर खड़ा किया, लेकिन अफ्रीका ने शानदार चेज़ करते हुए 362 रन बनाकर मैच 4 विकेट से जीत लिया। इस जीत के साथ सीरीज 1–1 की बराबरी पर आ गई और तीसरा मुकाबला निर्णायक बन गया।
मैच की शुरुआत भारत के लिए मजबूत रही। Virat Kohli और Ruturaj Gaikwad की उम्दा पारियों ने दर्शकों को आनंदित किया। दोनों के शतक ने भारतीय पारी को मजबूती दी। इसके बाद KL Rahul ने तेज बल्लेबाजी से स्कोर 350 के पार पहुंचा दिया। स्कोर बड़ा था, लेकिन अफ्रीका ने इस लक्ष्य का पीछा बेहद शांत दिमाग से किया और अंतिम ओवरों तक दबदबा बनाए रखा।
IND vs SA 2nd ODI – छोटा स्कोरकार्ड
| Team India Batting | Runs |
|---|---|
| Virat Kohli | 102 |
| Ruturaj Gaikwad | 105 |
| KL Rahul | 66* |
| Total | 358/5 (50 Overs) |
| South Africa Batting | Runs |
|---|---|
| Aiden Markram | 110 |
| Matthew Breetzke | 68 |
| Dewald Brevis | 54 |
| Total | 362/6 (49.2 Overs) |
🔍 मैच की सबसे बड़ी Highlights
- भारत के दो शानदार शतक — Kohli और Gaikwad
- भारत का 358 का बड़ा स्कोर
- दक्षिण अफ्रीका का record chase
- Markram का मैच बदलने वाला 110 रन
- SA मध्यक्रम का मजबूत प्रदर्शन
भारत की बल्लेबाज़ी – दो शतक और दमदार शुरुआत
भारतीय बल्लेबाजी की शुरुआत स्थिर रही। पहले ही दस ओवरों में टीम ने बिना ज्यादा जोखिम लिए रन बनाए। इसके बाद Ruturaj Gaikwad ने पारी को गति दी और चौकों–छक्कों के साथ स्ट्राइक रेट बढ़ाया। वे खुद पर भरोसा दिखा रहे थे और एक-एक कर boundaries निकालते रहे। 83 गेंदों में 105 रन की उनकी पारी मैच की सबसे आकर्षक पारियों में से एक रही।
Virat Kohli का अंदाज़ शांत, संयमित और नियंत्रित था। उन्होंने शुरूआती overs में gaps खोजने पर ध्यान दिया, बाद में pace बढ़ाया और 102 रन बनाकर नाबाद लौटे। उनका timing और placement दोनों बेहतरीन थे। यह पारी ऐसे समय आई जब टीम को बड़े स्कोर की जरूरत थी।
इसके बाद KL Rahul ने बारी तेजी से खेली। अंतिम overs में उनका control देखने लायक था। उन्होंने innings को finish करते हुए भारत को 350+ पर पहुंचा दिया। अंतिम 10 overs में भारत ने लगभग 90 रन बनाए, जिसमें boundaries की संख्या अच्छी रही।
✨ भारत की Batting Performance Summary
- Strong top order
- Fast finish by KL Rahul
- Opposition को 350+ का बड़ा target
क्या 358 का स्कोर सुरक्षित था?
कागज़ पर 358 का स्कोर ODI मुकाबले में प्रभावशाली माना जाता है। रायपुर की पिच बैटिंग के लिए अच्छी थी, bounce समान था और गेंद आसानी से बल्ले पर आ रही थी। लेकिन भारतीय गेंदबाजी को इस स्कोर का बचाव करने में काफी संघर्ष करना पड़ा। शुरुआती overs में विकेट न मिलना और middle overs में लगातार boundaries SA की पारी को मजबूत करते गए।
वहीं SA के बल्लेबाजों ने बिना घबराहट के रन बनाए। Markram ने जिस तरह स्पिन और pace दोनों को संभाला, उसने भारत की रणनीति को कमजोर कर दिया। उनका footwork, placement और timing कमाल का था।
कुल मिलाकर, भारत को 358 डिफेंड करने का पूरा मौका था, लेकिन गेंदबाज़ी और fielding में थोड़ी ढिलाई भारी पड़ गई।
दक्षिण अफ्रीका की शुरुआत – धीमी लेकिन मजबूत वापसी
358 रन के बड़े लक्ष्य का पीछा करना आसान नहीं था। शुरुआत में SA थोड़ी धीमी दिखी। पहले ही ओवरों में भारत ने tight line रखी, और शुरुआती विकेट जल्द गिरा। लेकिन इसके बाद अफ्रीका ने धीरे-धीरे अपनी पकड़ बनाना शुरू कर दिया। रन बहुत तेजी से नहीं बने, लेकिन लगातार singles और occasional boundaries से scoreboard चलता रहा।
Matthew Breetzke और कप्तान Aiden Markram की साझेदारी SA की नींव बनी। इन दोनों ने risk-free क्रिकेट खेला, gaps खोजे और rotation of strike जारी रखा। भारत इस समय breakthrough की तलाश करता रहा, लेकिन गेंदबाज़ किसी खास प्रभाव के साथ नहीं दिखे।
Aiden Markram – SA की जीत के असली नायक
इस मैच की सबसे यादगार पारी SA कप्तान Markram ने खेली। उन्होंने शुरुआत में धैर्य दिखाया और फिर जैसे-जैसे पारी आगे बढ़ी, उनकी timing और shot selection और प्रभावी होती गई।
Markram ने spin के खिलाफ sweep और inside-out shots खेलकर field को तोड़ा, जबकि pace के खिलाफ उनका back-foot play शानदार रहा। उन्होंने risk तभी लिया जब जरूरत थी, और यही mature approach SA को match में रखे रही।
🔥 Markram की पारी – Highlights
- 110 रन – calm और controlled batting
- Strike rotation पर शानदार नियंत्रण
- Boundary का सही समय पर इस्तेमाल
- Spinners के खिलाफ साफ-सुथरा footwork
Markram मैदान में जितने शांत दिखे, उतनी ही तेज़ी से उनका खेल maturity दर्शाता रहा। यही वह मोड़ था जिसने मैच को भारत से दूर करना शुरू किया।
भारत की गेंदबाज़ी – शुरुआत ठीक, लेकिन आगे कमजोर
भारतीय गेंदबाज़ी को लक्ष्य defend करने का अच्छा मौका मिला था। पिच मददगार नहीं थी, लेकिन wicket-taking deliveries की कमी साफ दिखी।
Powerplay में भारत एक से ज्यादा विकेट नहीं निकाल पाया। गेंदबाज़ी की rhythm मैच की जरूरत के हिसाब से नहीं दिखी। लंबी पार्टनरशिप टूट नहीं रही थी और middle overs में boundaries बढ़ने लगीं।
भारत के गेंदबाज़ – कैसा रहा प्रदर्शन?
| Bowler | Overs | Runs | Wkts |
|---|---|---|---|
| Mohammed Siraj | 10 | 72 | 1 |
| Mukesh Kumar | 9 | 68 | 1 |
| Kuldeep Yadav | 10 | 64 | 1 |
| Axar Patel | 8 | 54 | 0 |
भारत किसी भी spell में लगातार दबाव नहीं बना पाया। यही मैच का turning point बना।
⚠️ भारत की गेंदबाज़ी में दिखी कमियाँ
- Powerplay में विकेट नहीं
- Middle overs में न दबाव, न variations
- Field placements कई जगह गलत
- Death overs में yorker और slow-ball की कमी
Brevis–Breetzke Partnership ने भारत की उम्मीदें तोड़ी
दक्षिण अफ्रीका की chase का असली momentum Breetzke और Brevis ने दिया। दोनों ने मिलकर पारी को संभाला, सिंगल-डबल लेकर scoreboard चलाया और loose balls पर boundary निकालते रहे।
Brevis ने अपने shots से spinners पर दबाव बढ़ाया, वहीं Breetzke ने pace bowlers को आराम नहीं दिया। उनकी यह साझेदारी SA को match में पूरी तरह स्थापित कर चुकी थी।
भारत की Fielding – कैच और मिसफील्ड का असर
कई मौकों पर भारत की fielding average दिखी। कुछ boundaries रोकने में चूक हुई, कुछ आधे मौके हाथ से निकल गए। ODI में बड़े स्कोर defend करने के लिए fielding key factor होती है, और भारत इस हिस्से में बेहतर नहीं दिखा।
कुछ मौकों पर captaincy भी थोड़ा defensive लगी। Attack वाली रणनीति देर से दिखाई दी, जिससे SA batsmen को settle होने का समय मिल गया।
358 रन defend क्यों नहीं हो पाए?
बहुत लोग पूछ रहे हैं: “358 का स्कोर भी कम कैसे पड़ गया?” कारण साफ हैं —
- गेंदबाज़ शुरुआत में breakthrough नहीं दिला पाए
- Middle overs में लगातार boundaries
- Fielding में 15–20 रन extra चले गए
- South Africa ने panic नहीं किया
- Markram की controlled batting
- Death overs में line-length कमजोर
कुल मिलाकर, भारत को इस मैच में अपनी bowling और fielding approach में सुधार की जरूरत दिखाई दी।
क्या भारत वापसी कर सकता है?
टीम की batting top-class है। Bowling में skill है, बस execution की जरूरत है। छोटे बदलाव जैसे थोड़ा early spin attack, fielding में urgency, और death overs में variation India को मजबूत बना सकते हैं।
South Africa की Chase Strategy – मैच कैसे अपने पक्ष में किया?
दक्षिण अफ्रीका ने chase को बहुत समझदारी से आगे बढ़ाया। शुरुआत में risk-free क्रिकेट खेला। फिर middle overs में calculated aggression अपनाया। boundaries आए, लेकिन बिना unnecessary shots के।
सबसे मजबूत बात यह रही कि SA ने 358 जैसी बड़ी chase को मानसिक दबाव नहीं बनने दिया। बड़े target में panic सबसे बड़ा दुश्मन होता है, लेकिन SA शांत रही। हर 5 overs में निश्चित runs की planning थी और उसी हिसाब से रन आते गए।
Markram ने अपनी century के साथ टीम को anchor किया, Breetzke और Brevis ने support दिया, और lower-order ने finishing सुरक्षित रखी।
🏆 SA की जीत के मुख्य कारण
- Markram की मैच बदलने वाली पारी
- Mature partnerships
- भारत की bowling पर लगातार दबाव
- Middle overs में बिना wicket खोए रन
- Death overs में अच्छे shots
India कहाँ हार गया? पूरी स्थिति आसान भाषा में
भारत के पास match जीतने के पूरे मौके थे। 358 कम नहीं होते। लेकिन bowling उस intensity में नहीं दिखी जिसकी जरूरत थी। Powerplay में एक और wicket गिरता तो मैच का रूप बदल सकता था।
स्पिनर्स मैच में पकड़ नहीं बना पाए। Pace bowlers को swing या seam नहीं मिली। Field placements कई बार conservative रही। SA बल्लेबाजों ने अवसरों का पूरा फायदा उठाया।
Death overs में variations की कमी साफ दिखी। Yorker, slow bouncer और stump-to-stump deliveries कम थीं। SA ने आसान balls को boundary में बदल दिया।
भारत का प्रदर्शन – Pros और Cons
| Pros | Cons |
|---|---|
| टॉप ऑर्डर का शानदार प्रदर्शन | Bowling में wicket-taking गेंदों की कमी |
| दो शतक – Ruturaj और Kohli | Fielding कई जगह कमजोर |
| End overs में KL Rahul का strong finish | Death overs में control कम |
| 358 का बड़ा स्कोर | Middle overs में दबाव बनाने में असफल |
कौन बना Player of the Match?
Player of the Match Aiden Markram बने। उनकी 110 रनों की संयमित पारी ने मैच की दिशा बदल दी। रन की गति, शॉट चयन और partnership building — तीनों में उन्होंने बेहतरीन क्रिकेट दिखाया।
सीरीज का हाल – अब स्थिति कहाँ खड़ी है?
इस जीत के बाद SA ने series को 1–1 से बराबर कर दिया। अब तीसरा मैच decider बन चुका है। दोनों टीमें समान रूप से confident हैं, इसलिए अगला मुकाबला और भी रोचक होने वाला है।
भारत batting से strong है, SA chase में smart है। इस कारण series का आखिरी मुकाबला high-pressure और high-intensity होगा।
🎯 तीसरे मैच की रणनीति क्या हो सकती है?
- Powerplay में wicket लेना पहली प्राथमिकता
- Middle overs में attacking field रखना
- Spinners को अधिक variation देना
- Death overs में Yorker + slow balls
- Fielding में urgency लाना
IND vs SA – Expert Level Summary
यह मैच केवल एक high-scoring thriller नहीं था, बल्कि एक सीख भी थी। भारत को पता चला कि बड़े target defend करने के लिए मैदान पर हर minute smart thinking की जरूरत होती है। वहीं SA ने साबित किया कि calm approach और सही shot selection से कोई भी बड़ा target chase किया जा सकता है।
भारतीय बल्लेबाजी world-class है, लेकिन bowling consistency में सुधार की जरूरत है। Positive बात यह है कि batting और skill मौजूद हैं — बस execution बेहतर होना चाहिए।
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Final Verdict – मैच किसने जीता? किसने बेहतर खेला?
358 का विशाल target खड़ा करने के बाद भी भारत जीत नहीं पाया। इसका कारण batting नहीं, बल्कि bowling और fielding रही। SA ने शांत दिमाग से chase किया और मौके पर सही decision लिए।
सीरीज अब बराबरी पर है। भारतीय टीम के पास वापसी का पूरा मौका है, और अगले मुकाबले में अगर शुरुआत अच्छी रही तो परिणाम भारत के पक्ष में जा सकता है।
फिलहाल SA ने इस मैच में बेहतर cricket खेला और जीत deserved की।

