Dream11 पूरी तरह बैन: ₹49 वाले कॉन्टेस्ट और सभी रियल-मनी गेम्स बंद, जानें पूरी सच्चाई

0 Divya Chauhan
Online gaming ban 2025: Dream11 paid contests closed
अपडेट: अगस्त 2025

भारत सरकार ने रियल-मनी ऑनलाइन गेमिंग पर लगाई पूरी तरह रोक — Dream11 और अन्य ऐप्स

भारत सरकार ने अब एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए रियल-मनी आधारित ऑनलाइन गेमिंग पर पूरी तरह बैन लगा दिया है। अगस्त 2025 में संसद ने “Promotion and Regulation of Online Gaming Bill, 2025” पास कर दिया। इस बिल में साफ कहा गया है कि कोई भी कंपनी या ऐप अब ऐसे गेम नहीं चला सकती जिसमें असली पैसे लगाकर खेला जाए। इसका मतलब है कि फैंटेसी स्पोर्ट्स, पोकर, रम्मी और किसी भी तरह के पेड-कॉंटेस्ट पर अब कानूनन रोक लग गई है।

Dream11 — भारत का सबसे बड़ा फैंटेसी प्लेटफॉर्म और अब बदलाव

Dream11 भारत का सबसे बड़ा फैंटेसी स्पोर्ट्स प्लेटफ़ॉर्म था। करोड़ों लोग इसमें 49 रुपये या उससे अधिक देकर फैंटेसी क्रिकेट और अन्य गेम खेलते थे। कई बार छोटे-छोटे अमाउंट से शुरू होने वाले कॉन्टेस्ट बड़े इनामों तक पहुंच जाते थे और लाखों लोग रोज़ाना हिस्सा लेते थे। लेकिन अगस्त 2025 के नए कानून के बाद Dream11 ने अपने सभी पेड कॉन्टेस्ट पूरी तरह बंद कर दिए हैं। चाहे 49 रुपये वाले मैच हों या 100 रुपये वाले—सब पर रोक लग गई है।

कंपनी ने यूज़र्स को नोटिफिकेशन और ईमेल के जरिए सूचित किया कि अब ऐप पर केवल फ्री-टू-प्ले गेम्स उपलब्ध रहेंगे। इसका मतलब यह है कि आप टीम बना सकते हैं, मैच्स का आनंद ले सकते हैं, पर कोई नकद पुरस्कार (cash prize) नहीं मिलेगा।

दूसरी कंपनियाँ और उनका रिएक्शन

यह फैसला सिर्फ़ Dream11 तक सीमित नहीं है। My11Circle, MPL (Mobile Premier League), Zupee, PokerBaazi, Probo जैसी प्रमुख कंपनियों ने भी अपना रियल-मनी बिज़नेस बंद कर दिया है। इन सभी ने अपने यूज़र्स को मैसेज भेजकर जानकारी दी है कि अब उनके ऐप पर पैसे लगाकर गेम खेलना संभव नहीं होगा।

सभी कंपनियों ने कहा है कि वे नियमों का पालन कर रही हैं और यूज़र्स के पैसे सुरक्षित रखने के लिए निकासी (withdrawal) सुविधाएँ जारी रखेंगी। इससे यूज़र बेस को कुछ राहत मिली है क्योंकि कई लोगों के वॉलेट में बैलेंस पड़ा हुआ था।

मुख्य बिंदु: संसद ने बिल पास कर दिया है जो रियल-मनी गेमिंग को प्रतिबंधित करता है। कंपनी द्वारा वॉलेट बैलेंस वापस निकालने की सुविधा जारी रखने का भरोसा दिया गया है।

Dream Sports का नया फोकस — क्या बदलेगा?

Dream11 की पेरेंट कंपनी Dream Sports ने घोषणा की है कि अब वह केवल फ्री गेम्स और अन्य वेंचर्स पर ध्यान देगी — जैसे FanCode, DreamSetGo और Dream Game Studios। यानी आगे Dream11 पर केवल मुफ्त कॉन्टेस्ट और मनोरंजन से जुड़े फीचर ही मिलेंगे; कंपनी अपने स्पोर्ट्स-मीडिया और गేమिंग डेवलपमेंट वर्टिकल पर ज़्यादा फोकस करेगी।

इंडस्ट्री और अर्थव्यवस्था पर असर

यह कानून ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री के लिए बड़ा झटका है। भारत में लाखों लोग रोज़ाना ऐसे गेम खेलते थे और इस सेक्टर में हजारों करोड़ रुपये का कारोबार होता था। कई स्टार्टअप्स ने इसी मॉडल से ग्रोथ पाई थी, और कुछ यूनिकॉर्न तक बन गए थे। अब यह कारोबार बड़े पैमाने पर रुक गया है और कंपनियों को नया बिज़नेस मॉडल खोजने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

इसके प्रत्यक्ष प्रभावों में नौकरी प्रभावित होना, निवेश का रुकना और संबंधित सर्विस इंडस्ट्रीज़ पर दबाव आना शामिल है। छोटे शहरों और कस्बों तक फैले उपयोगकर्ताओं के लिए भी यह बदलाव महत्वपूर्ण है, क्योंकि कई लोग इसे पार्ट-टाइम कमाई या मनोरंजन का जरिया मानते थे।

सरकार का तर्क — समाज और युवाओं की सुरक्षा

सरकार ने स्पष्ट किया है कि रियल-मनी गेमिंग जुए की श्रेणी में आता है और इससे समाज को नुकसान पहुँच सकता है। विशेष रूप से युवा और बच्चे इसमें फंस सकते हैं, जिससे लत, कर्ज और मानसिक तनाव बढ़ सकते हैं। सरकार का मानना है कि इस तरह की गतिविधियों को नियंत्रित करना और प्रतिबंधित करना जरूरी था।

कानूनी रूप — नीति नहीं, कानून

यह केवल एक नीति पर आधारित कदम नहीं है; संसद ने बिल पास कर दिया है और यह कानून बन चुका है (राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद पूरी तरह लागू)। कानून का उल्लंघन करने पर सजा और जुर्माने का प्रावधान भी मौजूद है। इसका मतलब यह है कि कोई भी व्यक्ति या संस्था जो रियल-मनी गेमिंग की गतिविधि जारी रखेगी, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है।

आम खिलाड़ी और उपयोगकर्ता के लिए असर

जो खिलाड़ी नियमित रूप से फैंटेसी प्लेटफॉर्म पर भाग लेते थे, उन्हें अब केवल मुफ्त विकल्प उपलब्ध होंगे। जो लोग इसे कमाई का जरिया मानते थे, उनके पास वैकल्पिक रास्ते ढूँढने होंगे। हालांकि निकासी की सुविधा जारी रहने से उपयोगकर्ताओं के पैसों को सुरक्षित रखा जा सकेगा।

विवाद और बहस

इस निर्णय का समर्थन और विरोध दोनों सुने जा रहे हैं। समर्थक कहते हैं कि यह समाज और युवाओं की सुरक्षा के लिए ज़रूरी है; विरोधी कहते हैं कि यह स्टार्टअप इकोसिस्टम और रोजगार के लिए हानिकारक है। आने वाले महीनों में यह स्पष्ट होगा कि यह फैसला कितना प्रभावशाली और स्थायी साबित होता है।

त्वरित सार — रंगीन तालिका

ऐप / सेक्टर वर्तमान स्थिति
Dream11 सभी पेड कॉन्टेस्ट बंद; केवल मुफ्त फीचर
MPL रियल-मनी गेमिंग बंद; यूज़र्स को नोटिफाइड
Zupee, My11Circle पेड मॉडल हटाया गया; निकासी सुविधा जारी
PokerBaazi, Probo रियल-मनी टूर्नामेंट पर रोक; विकल्प तलाशे जा रहे

Dream11 Ban — FAQ (हिंदी में)

Q1. क्या Dream11 सच में पूरी तरह बैन हो गया है?
हाँ। संसद ने नया कानून पास कर दिया है। अब भारत में कोई भी रियल-मनी गेमिंग नहीं चल सकती।

Q2. क्या ₹49 वाले कॉन्टेस्ट भी बंद हो गए हैं?
हाँ। Dream11 ने अपने सभी पेड कॉन्टेस्ट बंद कर दिए हैं। 49 रुपये वाले भी शामिल हैं।

Q3. क्या मैं अभी भी Dream11 ऐप इस्तेमाल कर सकता हूँ?
हाँ, ऐप चालू है। लेकिन अब उसमें केवल फ्री गेम्स मिलेंगे।

Q4. क्या Dream11 पर जमा किया हुआ मेरा पैसा सुरक्षित है?
हाँ। आपका बैलेंस सुरक्षित है। आप कभी भी पैसे निकाल सकते हैं।

Q5. क्या यह बैन केवल Dream11 पर है?
नहीं। My11Circle, MPL, Zupee, PokerBaazi, Probo जैसी सभी रियल-मनी ऐप्स पर यह लागू है।

Q6. क्या यह जुआ घोषित किया गया?
सरकार का मानना है कि रियल-मनी गेमिंग जुए जैसी है और समाज के लिए हानिकारक है।

Q7. क्या Dream11 बंद हो जाएगा?
कंपनी बंद नहीं होगी, पर उसका रियल-मनी बिजनेस खत्म हो गया है।

Q8. Dream11 आगे क्या करेगा?
Dream Sports अब FanCode, DreamSetGo और Dream Game Studios जैसे फ्री वेंचर्स पर फोकस करेगी।

Q9. क्या भविष्य में फिर से पैसे वाले कॉन्टेस्ट शुरू हो सकते हैं?
नहीं। जब तक यह कानून लागू है, रियल-मनी गेमिंग फिर से शुरू नहीं हो सकती।

Q10. क्या मैं अभी भी Dream11 पर क्रिकेट टीम बना सकता हूँ?
हाँ। आप फ्री में टीमें बना सकते हैं और मजे के लिए खेल सकते हैं, पर कोई इनाम या कैश नहीं मिलेगा।

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