Online Gaming Bill पास: अब ऑनलाइन बेटिंग अपराध, सजा और जुर्माना तय
केंद्र सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग के लिए नया बिल मंजूर किया है। उद्देश्य साफ है। ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग को नियमों में लाना। साथ ही ऑनलाइन बेटिंग पर रोक लगाना। सरकार का कहना है कि बेटिंग से आर्थिक नुकसान, धोखाधड़ी और लत बढ़ रही है। अब इस पर सख्त कार्रवाई होगी। बिल को कैबिनेट ने 19 अगस्त 2025 को मंजूरी दी। इसे संसद में पेश किया जाएगा।
बिल क्या कहता है
- ऑनलाइन मनी गेमिंग अपराध माना जाएगा।
- ऐसे गेम्स के ऑफर, प्रमोशन और लेनदेन पर रोक का प्रावधान।
- बैंकों और पेमेंट इंटरमीडियरी को ऐसे ट्रांजैक्शन से दूर रहने की हिदायत।
- विज्ञापनों और इन्फ्लुएंसर प्रमोशन पर पाबंदी की तैयारी।
सजा और जुर्माना
रिपोर्ट्स के अनुसार, जेल और भारी जुर्माने के प्रावधान हैं। कुछ रिपोर्टें अधिकतम 3 साल की जेल और 1 करोड़ रुपये तक जुर्माना बताती हैं। अंतिम प्रावधान संसद में बहस के बाद तय होंगे। लेकिन दिशा साफ है। बेटिंग अपराध होगी और सजा तय होगी।
क्यों ज़रूरी पड़ा यह कानून
ऑनलाइन बेटिंग ऐप्स से जुड़ी शिकायतें और धोखाधड़ी बढ़ी हैं। राज्यों के बीच नियम अलग-अलग थे। राष्ट्रीय स्तर पर एक स्पष्ट ढांचा नहीं था। नए बिल से उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा मजबूत होगी। ई-स्पोर्ट्स और स्किल-बेस्ड गेम्स को अलग पहचान और समर्थन मिलेगा।
प्रमुख प्रावधान: एक नज़र
प्रावधान | क्या होगा |
---|---|
ऑनलाइन बेटिंग की स्थिति | अपराध, सजा और जुर्माना संभव |
विज्ञापन/प्रमोशन | बैन या अपराध माना जा सकता है |
पेमेंट लेनदेन | बैंकों/इंटरमीडियरी पर रोक |
ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग | नियमित, अलग श्रेणी में बढ़ावा |
इन्फ्लुएंसर्स/एंडोर्सर्स | उल्लंघन पर दंड का प्रावधान |
नोट: अंतिम प्रावधान संसद में पास होने के बाद प्रभावी होंगे।
टाइमलाइन: अब आगे क्या
चरण | स्थिति |
---|---|
कैबिनेट मंजूरी | मिल चुकी है (19 अगस्त 2025) |
लोकसभा में पेश | अगले सत्र/दिन में पेश होने की तैयारी |
राज्यसभा में विचार | दोनों सदनों से पारित होने पर राष्ट्रपति की मंजूरी |
नियम बनना | नोटिफिकेशन और कार्यान्वयन |
उद्योग पर असर
रियल-मनी गेमिंग कंपनियों के लिए यह बड़ा बदलाव है। उद्योग को डर है कि ज्यादा सख्ती से उपयोगकर्ता ऑफशोर प्लेटफॉर्म की ओर जा सकते हैं। निवेश और रोजगार पर असर पड़ सकता है। कंपनियां स्पष्ट परिभाषाओं और संवाद की मांग कर रही हैं।
उपयोगकर्ताओं के लिए क्या बदलेगा
- पैसे लगाकर खेलने वाले ऐप से दूरी रखें।
- ऐप का विज्ञापन देखने/शेयर करने में सावधानी रखें।
- ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेम्स के लिए रजिस्ट्रेशन और मानक आ सकते हैं।
- पेमेंट ऐप्स और बैंक ऐसे ट्रांजैक्शन ब्लॉक कर सकते हैं।
सरकार का फोकस खेल को सुरक्षित बनाना और जुए जैसी गतिविधियों को रोकना है। बिल पास होते ही सजा, जुर्माना और प्रक्रिया साफ हो जाएगी। तब ऑनलाइन गेमिंग का नक्शा बदल जाएगा और उपयोगकर्ता सुरक्षा मजबूत होगी।
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