आज 31 अगस्त है और आज का दिन बहुत खास है। आज अंतर्राष्ट्रीय ओवरडोज़ जागरूकता दिवस मनाया जाता है। यह दिन उन लोगों को याद करने के लिए है, जिनकी जान ड्रग ओवरडोज़ के कारण चली गई। यह उन परिवारों और दोस्तों के लिए भी है, जिन्होंने अपनों को खोया है। इस दिन का मुख्य मकसद ओवरडोज़ से होने वाली मौतों को रोकना है। साथ ही, लोगों को इसके खतरों के बारे में जागरूक करना है।
ड्रग ओवरडोज़ एक गंभीर समस्या है। यह सिर्फ़ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि पूरे परिवार की ज़िंदगी को प्रभावित करती है। जब कोई व्यक्ति ओवरडोज़ से गुज़रता है, तो उसका शरीर और दिमाग दोनों प्रभावित होते हैं। कई बार यह इतना खतरनाक होता है कि तुरंत मौत हो जाती है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमें इस समस्या को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।
यह दिन हमें बताता है कि ओवरडोज़ को रोका जा सकता है। सही जानकारी और समय पर मदद से कई जानें बचाई जा सकती हैं। यह हमें हिम्मत देता है कि हम इस मुद्दे पर खुलकर बात करें। लोग अक्सर इस बारे में बात करने से हिचकिचाते हैं। वे सोचते हैं कि यह शर्म की बात है। लेकिन सच तो यह है कि यह एक बीमारी है, जिसका इलाज संभव है।
अंतर्राष्ट्रीय ओवरडोज़ जागरूकता दिवस पर दुनियाभर में कई कार्यक्रम होते हैं। लोग बैंगनी रंग के रिबन पहनते हैं। यह रंग इस दिन का प्रतीक है। रैलियाँ निकाली जाती हैं और सेमिनार आयोजित होते हैं। इन कार्यक्रमों का मकसद लोगों तक सही जानकारी पहुँचाना है। वे बताते हैं कि ओवरडोज़ के क्या लक्षण होते हैं। वे यह भी सिखाते हैं कि आपातकाल में क्या करना चाहिए।
इस दिन उन लोगों के लिए समर्थन भी जुटाया जाता है जो ड्रग्स की लत से जूझ रहे हैं। उन्हें बताया जाता है कि वे अकेले नहीं हैं। उन्हें इलाज के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। कई संगठन और हेल्पलाइन्स इस दिन अपनी सेवाएँ बढ़ाते हैं। ताकि ज़्यादा से ज़्यादा लोग मदद ले सकें।
ओवरडोज़ का खतरा किसी को भी हो सकता है। यह सिर्फ़ illegal ड्रग्स से नहीं होता। कई बार doctor द्वारा दी गई दवाइयों की ज़्यादा मात्रा भी खतरनाक हो सकती है। खासकर, pain killers या sleeping pills का ज़्यादा इस्तेमाल। इसलिए, सही मात्रा और डॉक्टर की सलाह बहुत ज़रूरी है।
यह दिन हमें यह भी सिखाता है कि हमें किसी पर judgement नहीं पास करना चाहिए। हमें उन लोगों के साथ empathy दिखानी चाहिए, जो इस मुश्किल से गुज़र रहे हैं। उन्हें डाँटने या बुरा-भला कहने की बजाय, हमें उनका साथ देना चाहिए। उन्हें सही रास्ता दिखाना चाहिए।
यह दिन एक मौका है, रुकने और सोचने का। हमें यह सोचना चाहिए कि हम कैसे इस समस्या को कम कर सकते हैं। अपने परिवार और दोस्तों के साथ इस पर बात करें। अगर आपको लगता है कि कोई मुश्किल में है, तो उसकी मदद करें। चुप न रहें।
इस दिन का सबसे बड़ा संदेश है – जागरूकता और compassion। यह हमें बताता है कि हम सब मिलकर इस लड़ाई को जीत सकते हैं। ओवरडोज़ एक ऐसी जंग है, जिसमें हम सबको मिलकर लड़ना होगा। हर जान कीमती है। हमें हर कीमत पर उसे बचाना है। यह हमारी और समाज की ज़िम्मेदारी है। इस दिन को सिर्फ़ याद करने तक सीमित न रखें। इसे बदलाव लाने का एक जरिया बनाएँ।
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