सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए आने वाले दिन काफी अहम हो सकते हैं। कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लॉइज एंड वर्कर्स ने ऐलान किया है कि वह 20 अगस्त 2025 को लंच टाइम के दौरान देशभर में प्रदर्शन करेंगे। उनकी दो मुख्य मांगें हैं, पहली, 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (8th Pay Commission) का तत्काल गठन, और दूसरी, पेंशनर्स के हितों से जुड़ी अनिश्चितताओं का समाधान।
कॉन्फेडरेशन का कहना है कि 1 जनवरी 2026 से नया वेतनमान लागू होना है, लेकिन अब तक सरकार ने न तो आयोग के सदस्यों की घोषणा की है और न ही उसके टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) सार्वजनिक किए हैं। इससे कर्मचारियों में यह चिंता बढ़ रही है कि कहीं फैसला देर से न हो जाए और उनका वेतन संशोधन भी लटक जाए।
क्यों उठी नाराज़गी?
कॉन्फेडरेशन के नेताओं का कहना है कि आयोग का गठन समय पर न होना कर्मचारियों के अधिकारों के साथ खिलवाड़ है। आमतौर पर नया वेतन आयोग बनने के बाद उसके सुझावों को लागू करने में समय लगता है, इसलिए अगर प्रक्रिया समय से शुरू न हुई तो लाभ देर से मिलेगा।
पेंशनधारक भी इस मुद्दे को लेकर चिंतित हैं। हाल ही में वित्त विधेयक में हुए बदलावों से उन्हें डर है कि सरकार पेंशन की गणना में सेवानिवृत्ति की तारीख या लागू होने की तारीख के आधार पर अंतर कर सकती है। यह कदम कई पेंशनर्स के लिए नुकसानदेह हो सकता है और संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता के अधिकार) के खिलाफ भी माना जा रहा है।
सरकार का रुख
सरकार ने इस मामले पर अपनी स्थिति साफ करते हुए कहा है कि वह जल्द ही अधिसूचना जारी करेगी। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के मुताबिक, जनवरी और फरवरी 2025 में सभी मंत्रालयों और राज्यों को ToR से जुड़े सुझाव भेजने को कहा गया था। लेकिन सभी पक्षों से जवाब अभी तक नहीं मिला है, इसलिए प्रक्रिया में देरी हो रही है।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि वित्तीय तंगी इस देरी का कारण नहीं है। अधिसूचना "यथा समय" जारी होगी और इसके बाद आयोग अपना काम शुरू करेगा।
संभावित वेतन वृद्धि
कर्मचारियों की नजरें अब वेतन वृद्धि के आंकड़ों पर टिकी हैं। विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस बार फिटमेंट फैक्टर बढ़ सकता है। 7वें वेतन आयोग में यह 2.57 था, जबकि 8वें आयोग में इसे 2.86 तक ले जाने की संभावना जताई जा रही है।
अगर ऐसा हुआ तो लेवल-1 कर्मचारियों का बेसिक वेतन ₹18,000 से बढ़कर ₹51,480 हो सकता है। इसका मतलब है कि सिर्फ बेसिक पे में ही ₹33,480 का इजाफा होगा। उच्च लेवल के कर्मचारियों की सैलरी में भी अनुपातिक वृद्धि होगी।
लेवल | वर्तमान बेसिक पे (₹) | अनुमानित नया बेसिक पे (₹) | बढ़ोतरी (₹) | उदाहरण पद/वर्ग |
---|---|---|---|---|
1 | 18,000 | 51,480 | 33,480 | चपरासी, अटेंडेंट्स, सपोर्ट स्टाफ |
2 | 19,900 | 56,914 | 37,014 | लोअर डिविजन क्लर्क्स (LDC) |
3 | 21,700 | 62,062 | 40,362 | कांस्टेबल, स्किल्ड स्टाफ |
4 | 25,500 | 72,930 | 47,430 | ग्रेड डी स्टेनोग्राफर, जूनियर क्लर्क |
5 | 29,200 | 83,512 | 54,312 | सीनियर क्लर्क, तकनीकी स्टाफ |
6 | 35,400 | 1,01,244 | 65,844 | इंस्पेक्टर, सब-इंस्पेक्टर |
7 | 44,900 | 1,28,414 | 83,514 | सुपरिंटेंडेंट, सेक्शन ऑफिसर, असिस्टेंट इंजीनियर |
8 | 47,600 | 1,36,136 | 88,536 | सीनियर सेक्शन ऑफिसर, असिस्टेंट ऑडिट ऑफिसर |
9 | 53,100 | 1,51,866 | 98,766 | डीएसपी, अकाउंट ऑफिसर |
10 | 56,100 | 1,60,446 | 1,04,346 | ग्रुप A अधिकारी, सिविल सेवा एंट्री लेवल |
पेंशनर्स के लिए उम्मीद
पेंशनधारकों की भी उम्मीदें इस आयोग से जुड़ी हैं। कई पेंशनर्स का कहना है कि बढ़ती महंगाई में मौजूदा पेंशन पर्याप्त नहीं है। अगर 8वें वेतन आयोग में पेंशन के नए फार्मूले को शामिल किया गया तो इससे लाखों सेवानिवृत्त कर्मचारियों को राहत मिलेगी।
20 अगस्त को होगा प्रदर्शन
कॉन्फेडरेशन ने साफ किया है कि 20 अगस्त को होने वाला प्रदर्शन केवल शुरुआत है। अगर सरकार जल्द कदम नहीं उठाती, तो आंदोलन का दायरा बढ़ाया जाएगा। यह प्रदर्शन लंच टाइम में होगा ताकि सरकारी कामकाज प्रभावित न हो, लेकिन संदेश सरकार तक साफ-साफ पहुंच सके।
आगे की राह
कर्मचारियों और पेंशनर्स दोनों की निगाहें अब सरकार की अगली घोषणा पर हैं। अगर अगले कुछ हफ्तों में आयोग का गठन और ToR का ऐलान हो जाता है, तो 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें समय पर लागू हो सकती हैं। अन्यथा, यह मामला 2026 के बाद तक भी खिंच सकता है।
प्रमुख बिंदु
- 8वें वेतन आयोग का गठन अब भी अधर में है।
- कर्मचारी और पेंशनर्स 20 अगस्त को प्रदर्शन करेंगे।
- फिटमेंट फैक्टर बढ़ने की संभावना से वेतन में बड़ा उछाल संभव।
- सरकार का दावा—जल्द होगी अधिसूचना, वित्तीय तंगी नहीं है समस्या।