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भारत में हर दिन करोड़ों लोग ट्रेन से सफर करते हैं। चाहे ऑफिस जाना हो, किसी दूसरे शहर में रिश्तेदारों से मिलने जाना हो या फिर छुट्टियां मनाने के लिए लंबा सफर करना हो, ट्रेन यात्रा हमारे जीवन का अहम हिस्सा है। लेकिन जब भी हम यात्रा पर निकलते हैं, तो हमारे साथ सामान भी होता ही है – कपड़े, जरूरी कागजात, खाने-पीने का सामान, उपहार, और कई बार भारी सूटकेस भी।
यही सामान अगर ज़्यादा हो जाए तो परेशानी भी बढ़ सकती है। कई बार लोग बिना जानकारी के ही ट्रेन में बहुत भारी बैग लेकर चढ़ जाते हैं और फिर चेकिंग के समय जुर्माना देना पड़ता है। इसलिए, भारतीय रेलवे के सामान से जुड़े नियमों को जानना हर यात्री के लिए जरूरी है। इससे न केवल आप बेवजह के जुर्माने से बच सकते हैं, बल्कि आपकी यात्रा भी आरामदायक और सुरक्षित हो जाती है।
क्यों जरूरी है सामान के नियम जानना
रेलवे यात्रा सिर्फ टिकट खरीदने और ट्रेन पकड़ने तक सीमित नहीं है। यह भी जरूरी है कि आप अपने सामान को लेकर पूरी जानकारी रखें। कई बार लोग सोचते हैं कि "जितना सामान उठा सकते हैं, उतना ले जाना ठीक है", लेकिन ऐसा नहीं है। रेलवे के नियमों के अनुसार, हर यात्री को एक निश्चित सीमा तक ही सामान ले जाने की अनुमति होती है।
अगर आप इस सीमा से अधिक सामान ले जाते हैं और उसे पहले से बुक नहीं करते, तो रेलवे अधिकारी आपका सामान उतार सकते हैं या फिर आप पर भारी जुर्माना लगा सकते हैं। इससे बचने का एक ही तरीका है – पहले से नियम जान लेना और उसी के अनुसार यात्रा की तैयारी करना।
यह भी समझना जरूरी है कि रेलवे इन नियमों को सिर्फ यात्रियों को परेशान करने के लिए नहीं बनाता, बल्कि सभी की सुरक्षा और सुविधा के लिए बनाता है। ट्रेन में सीमित जगह होती है और अगर हर कोई बिना सोचे-समझे भारी-भरकम बैग लेकर चढ़ जाएगा, तो न केवल असुविधा होगी बल्कि दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ जाएगा।
अगर आप फ्री सीमा के अंदर सामान रखते हैं, तो आपको अतिरिक्त चार्ज नहीं देना होगा।
टीटीई या रेलवे स्टाफ के साथ अनावश्यक बहस और परेशानी से बचेंगे।
सही पैकिंग और सीमा में सामान रखने से सामान भी सुरक्षित रहता है।
कोच के हिसाब से फ्री सामान सीमा
भारतीय रेलवे हर श्रेणी (कोच) के लिए अलग-अलग सामान की सीमा तय करता है। यह इसलिए ताकि हर यात्री को बराबर जगह मिले और ट्रेन का भार भी संतुलित रहे। नीचे दी गई तालिका से आप जान सकते हैं कि किस क्लास में कितना सामान मुफ्त में ले जा सकते हैं और कितने तक चार्ज देकर ले जा सकते हैं:
कोच | फ्री सीमा (किलो) | अधिकतम (चार्ज पर) | शॉर्ट टिप |
---|---|---|---|
AC First Class | 70 | 150 | दो बैग ठीक रहते हैं। |
AC 2 Tier | 50 | 100 | ऊपरी/निचली जगह देखें। |
AC 3 Tier / Chair | 40 | 80 | सीट के नीचे फिट करें। |
Sleeper Class | 40 | 80 | नाम-नंबर लगाएं। |
Second Class (जनरल) | 35 | 70 | हल्का रखें। |
टिप: अगर आपका सामान सीमा से थोड़ा ज्यादा है तो बेहतर होगा कि आप उसे Parcel Office से बुक करवा लें। इससे ना सिर्फ जुर्माने से बचेंगे, बल्कि आपका सामान सुरक्षित तरीके से गंतव्य तक पहुंच जाएगा।
बच्चों के लिए सामान के नियम
अक्सर परिवार के साथ यात्रा करते समय बच्चों का सामान भी काफी होता है – खिलौने, दूध की बोतलें, अतिरिक्त कपड़े, स्ट्रोलर आदि। रेलवे ने बच्चों के लिए भी स्पष्ट नियम बनाए हैं।
- 5 साल से कम उम्र के बच्चों के सामान को अलग से नहीं गिना जाता। यानी इस उम्र तक का सामान वयस्क यात्री के सामान में ही शामिल होगा।
- 5 से 12 साल के बच्चों को हाफ टिकट पर यात्रा करने की अनुमति होती है। इस स्थिति में सामान की सीमा भी आधी हो जाती है।
उदाहरण के तौर पर, यदि स्लीपर क्लास में वयस्क यात्री को 40 किलो तक सामान ले जाने की अनुमति है, तो 6 साल के बच्चे के लिए यह सीमा केवल 20 किलो होगी।
सामान का आकार और माप क्यों जरूरी है
सिर्फ वजन ही नहीं, सामान का आकार भी मायने रखता है। बहुत बड़े आकार का सूटकेस सीट के नीचे नहीं आ पाता और रैक पर रखने से गिरने का खतरा बना रहता है। इससे यात्रियों को चोट भी लग सकती है। इसलिए कोशिश करें कि आपका सामान न सिर्फ हल्का हो बल्कि आकार में भी सुविधाजनक हो।
रेलवे की सलाह है कि हैंडबैग या छोटे बैग को हमेशा सीट के नीचे रखें, और बड़े बैग को ऊपरी रैक पर। नीचे तालिका में कुछ सामान्य सामान के माप और रखने के सुझाव दिए गए हैं:
आइटम | आकार (लगभग) | कहां रखें | संक्षिप्त टिप |
---|---|---|---|
बैकपैक | 55×35×25 सेमी | सीट के नीचे | कीमती चीजें पास रखें। |
कैर्री सूटकेस | 60×40×25 सेमी | ऊपरी रैक/नीचे | हैंडल अंदर रखें। |
बड़ा सूटकेस | 70×45×30 सेमी | ऊपरी रैक | बहुत भारी न रखें। |
ज्यादा सामान हो तो क्या करें
अगर आपका सामान फ्री लिमिट से ज्यादा है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। रेलवे इसके लिए भी समाधान देता है। आप स्टेशन पर स्थित Luggage/Parcel Office पर जाकर अपने अतिरिक्त सामान को बुक करा सकते हैं। यह प्रक्रिया काफी आसान है:
- स्टेशन पहुंचने के बाद सबसे पहले पार्सल या लगेज काउंटर पर जाएं।
- अपनी ट्रेन टिकट और पहचान पत्र दिखाएं।
- रेलवे कर्मचारी आपका सामान तौलेंगे और आपको शुल्क बताएंगे।
- शुल्क जमा करने के बाद आपको एक रसीद दी जाएगी। इस रसीद को संभालकर रखें।
इससे न केवल आपका सामान सुरक्षित रहेगा, बल्कि आपको जुर्माना देने से भी बचना पड़ेगा।
टिकट, ID प्रूफ, और रसीद हमेशा साथ रखें।
रेलवे स्टेशन के Parcel / Luggage Office में।