करवा चौथ 2025: व्रत की सही तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि, जानें पूरी जानकारी

0 Divya Chauhan

करवा चौथ का त्योहार हर सुहागन महिला के लिए बहुत खास होता है। यह व्रत पति की लंबी उम्र, अच्छी सेहत और खुशहाल जीवन के लिए रखा जाता है। यह व्रत सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि प्यार, विश्वास और समर्पण का प्रतीक है। हर साल यह व्रत कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। 2025 में, करवा चौथ का व्रत 10 अक्टूबर, शुक्रवार को पड़ रहा है। इस दिन महिलाएँ बिना कुछ खाए-पिए, रात में चाँद देखकर और छलनी से पति का चेहरा देखकर अपना व्रत खोलती हैं।

करवा चौथ 2025: पति की लंबी उम्र का व्रत और पूजा

करवा चौथ 2025: शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

करवा चौथ का व्रत रखने से पहले, शुभ मुहूर्त जानना बहुत जरूरी है।

करवा चौथ 2025 की तिथि और समय:

  • करवा चौथ की तिथि: 10 अक्टूबर 2025, शुक्रवार
  • चतुर्थी तिथि शुरू: 10 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 25 मिनट पर
  • चतुर्थी तिथि समाप्त: 11 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 53 मिनट पर
  • पूजा का शुभ मुहूर्त: शाम 05:40 बजे से शाम 06:56 बजे तक
  • चाँद निकलने का समय: रात 08:08 बजे

यह समय आपके शहर के हिसाब से थोड़ा अलग हो सकता है। इसलिए, स्थानीय पंचांग जरूर देखें।

करवा चौथ की पूजा सामग्री

पूजा करने के लिए कुछ जरूरी चीजें चाहिए होती हैं। इन चीजों को पूजा से एक दिन पहले ही इकट्ठा कर लें।

  • करवा (मिट्टी का बर्तन) और ढक्कन
  • पूजा की थाली
  • दीपक, अगरबत्ती या धूपबत्ती
  • गेहूँ या चावल, पानी का लोटा
  • काजल और सिंदूर, रोली और चंदन
  • अक्षत (चावल) और फूल
  • मिठाई और फल
  • मठरी और पूड़ी
  • दक्षिणा (पैसे)
  • करवा चौथ व्रत कथा की किताब
  • चाँद देखने के लिए छलनी

करवा चौथ का व्रत कैसे करें?

करवा चौथ का व्रत बहुत कठिन माना जाता है, क्योंकि यह व्रत निर्जला होता है। यानी दिन भर बिना पानी के रहना होता है।

सुबह से शाम तक की तैयारी:

  1. सुबह सरगी से शुरुआत: सुबह सूरज निकलने से पहले उठें। स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। सास अपनी बहू को सरगी देती हैं, जिसमें खाने-पीने की चीजें होती हैं। इसे खाकर ही व्रत की शुरुआत होती है।
  2. पूजा की थाली सजाएँ: सरगी खाने के बाद, व्रत का संकल्प लें। दिन भर मन ही मन माता पार्वती, भगवान शिव और गणेश जी का ध्यान करें। शाम को पूजा की थाली तैयार करें।
  3. पूजा करें: शाम को शुभ मुहूर्त में पूजा शुरू करें। सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें। फिर शिव-पार्वती और कार्तिकेय की पूजा करें। माता पार्वती को सुहाग का सामान चढ़ाएँ।
  4. व्रत कथा सुनें: एक साथ बैठकर सभी महिलाएँ करवा चौथ की कथा सुनती हैं। कथा सुनना बहुत जरूरी होता है।
  5. चाँद को अर्घ्य दें: रात में जब चाँद निकलता है, तो छत पर या खुले में जाकर चाँद को देखें। छलनी से पहले चाँद को देखें, फिर उसी छलनी से पति को देखें। इसके बाद पति को तिलक लगाकर आरती करें और मिठाई खिलाएँ।
  6. व्रत खोलें: पति के हाथों से पानी पीकर अपना व्रत खोलें। फिर मिलकर खाना खाएँ।

करवा चौथ का महत्व

करवा चौथ का व्रत सिर्फ एक रस्म नहीं है। इसके पीछे कई धार्मिक और वैज्ञानिक कारण हैं।

महत्व का प्रकार विवरण
1. रिश्ते की मजबूती यह व्रत पति-पत्नी के बीच प्यार और विश्वास को बढ़ाता है। यह एक-दूसरे के प्रति समर्पण का प्रतीक है।
2. स्वास्थ्य लाभ व्रत रखने से शरीर शुद्ध होता है। यह एक तरह का डिटॉक्सिफिकेशन है और पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है।
3. धार्मिक महत्व इस दिन करवा माता, गणेश जी, माता पार्वती, भगवान शिव और कार्तिकेय की पूजा होती है। अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है।

करवा चौथ के पीछे की कहानी

करवा चौथ व्रत के पीछे कई कहानियाँ हैं। सबसे प्रसिद्ध कहानी वीरवती और करवा की है।

वीरवती की कहानी:

एक रानी थी, जिसका नाम वीरवती था। वह अपने सात भाइयों की इकलौती बहन थी। शादी के बाद उसने पहला करवा चौथ का व्रत रखा। दिन भर बिना कुछ खाए-पिए रहने से वह बहुत कमजोर हो गई। उसके भाइयों को यह देखकर दुख हुआ। उन्होंने एक पेड़ के पीछे दीपक जलाकर चाँद का भ्रम पैदा किया। वीरवती ने उसे देखकर व्रत खोल लिया। जैसे ही उसने खाना खाया, उसे खबर मिली कि उसका पति बीमार हो गया है। वीरवती को अपनी गलती का एहसास हुआ। उसने पूरे साल की चतुर्थी का व्रत रखा और अपनी भक्ति से अपने पति को फिर से स्वस्थ कर लिया।

करवा की कहानी:

एक स्त्री थी, जिसका नाम करवा था। उसका पति एक मगरमच्छ के हमले में घायल हो गया। करवा ने मगरमच्छ को पकड़ लिया और उसे मौत के घाट उतारने के लिए तैयार हो गई। मगरमच्छ ने माफी मांगी और करवा ने उसे छोड़ दिया। मगरमच्छ ने करवा को अपनी पति की लंबी उम्र का वरदान दिया।

करवा चौथ पर कुछ खास टिप्स

  • सरगी में हेल्दी चीजें खाएँ: सरगी में फल, दूध, और सूखे मेवे जैसी चीजें खाएँ। ये आपको दिन भर ऊर्जा देंगे।
  • पानी का ध्यान रखें: अगर आप निर्जला व्रत नहीं रख सकतीं, तो पानी पी सकती हैं। लेकिन अगर निर्जला व्रत रखा है, तो सुबह सरगी में ही पानी पी लें।
  • सकारात्मक रहें: पूरे दिन सकारात्मक सोच रखें। व्रत को खुशी-खुशी करें।
  • भारी काम से बचें: दिन भर ज्यादा काम करने से बचें, ताकि शरीर की ऊर्जा बनी रहे।
  • खुश रहें: करवा चौथ प्यार और खुशी का त्योहार है। इसे अपने पति और परिवार के साथ खुशी से मनाएँ।

करवा चौथ का व्रत सिर्फ एक रस्म नहीं है, यह एक भावना है। यह प्रेम, सम्मान और त्याग का प्रतीक है। यह त्योहार हर सुहागन महिला को अपने पति के लिए और अपने रिश्ते के लिए कुछ खास करने का मौका देता है। 2025 में, इस व्रत को पूरे दिल से मनाएँ और अपने जीवन में खुशहाली लाएँ।

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