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बिहार की राजनीति एक बार फिर गर्म हो गई है। विधानसभा चुनाव 2025 का ऐलान हो चुका है। पूरे राज्य की नज़र अब इस बड़े लोकतांत्रिक त्योहार पर है। हर गांव, हर शहर और हर गली में राजनीतिक चर्चा शुरू हो गई है। मतदाताओं में उत्साह है और पार्टियां मैदान में उतरने की तैयारी कर रही हैं। इस बार का चुनाव कई मायनों में खास होगा क्योंकि इससे बिहार की राजनीति की दिशा आने वाले पांच सालों के लिए तय होगी। अब जानते हैं इस चुनाव से जुड़ी हर अहम जानकारी। मतदान की तारीख से लेकर मुख्य मुद्दों तक और बड़ी पार्टियों से लेकर मतदाता गाइड तक, इस लेख में सब कुछ आसान शब्दों में समझाया गया है।
- पहला चरण मतदान: 6 नवंबर 2025
- दूसरा चरण मतदान: 11 नवंबर 2025
- मतगणना: 14 नवंबर 2025
- कुल सीटें: 243 | बहुमत: 122
बिहार चुनाव 2025 की तारीख और चरण
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का आधिकारिक शेड्यूल जारी हो चुका है। इस बार चुनाव दो चरणों में होंगे। पहला चरण 6 नवंबर 2025 को होगा। दूसरा चरण 11 नवंबर 2025 को होगा। मतगणना 14 नवंबर 2025 को होगी। इस चुनाव में कुल 243 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। किसी भी पार्टी या गठबंधन को सरकार बनाने के लिए कम से कम 122 सीटें जीतनी होंगी। मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को खत्म हो रहा है, इसलिए उससे पहले नई सरकार का गठन होना जरूरी है।
इवेंट | तारीख |
---|---|
पहला चरण मतदान | 6 नवंबर 2025 |
दूसरा चरण मतदान | 11 नवंबर 2025 |
मतगणना | 14 नवंबर 2025 |
शेड्यूल तय करते समय दीपावली और छठ जैसे बड़े त्योहारों को ध्यान में रखा गया है। इससे वोटरों को सुविधा रहेगी और प्रशासनिक व्यवस्था बेहतर तरीके से हो पाएगी। दो चरणों की संरचना से सुरक्षा, ईवीएम लॉजिस्टिक्स और स्टाफिंग का बोझ भी संतुलित रहता है।
पिछले चुनाव से क्या सबक मिला
पिछले विधानसभा चुनाव 2020 में मुकाबला बहुत करीबी रहा था। उस समय चुनाव तीन चरणों में कराए गए थे। एनडीए को 125 सीटें और महागठबंधन को 110 सीटें मिली थीं। सरकार नीतीश कुमार की अगुवाई में बनी थी। उस चुनाव से कई अहम सबक मिले। जातीय समीकरणों का असर गहरा था। युवाओं में रोजगार को लेकर नाराजगी दिखी। गांवों में विकास और बुनियादी सुविधाओं के वादे चुनावी एजेंडा बने। इस बार भी ये सभी मुद्दे फिर से केंद्र में हैं, हालांकि जमीन पर स्थानीय फैक्टर हर सीट पर अलग होते हैं।
- उम्मीदवार की स्थानीय पहचान निर्णायक होती है।
- युवा और महिला वोटर्स का मतदान पैटर्न अलग झलक देता है।
- जातीय समीकरण के साथ विकास की विश्वसनीयता भी जरूरी है।
चुनाव आयोग की तैयारियां
चुनाव आयोग ने इस बार चुनाव को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। 24 जून 2025 से मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण शुरू हुआ। बूथ लेवल ऑफिसर ने घर-घर जाकर जानकारी जुटाई। डुप्लीकेट वोटर हटाए गए और नए नाम जोड़े गए। अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर 2025 को प्रकाशित हो चुकी है। संवेदनशील इलाकों की पहचान कर ली गई है। वहां अतिरिक्त बल तैनात रहेगा। वेबकास्टिंग, माइक्रो-ऑब्जर्वर और फ्लाइंग स्क्वाड जैसी व्यवस्थाएं भी रहेंगी।
बिहार की राजनीति में कौन-कौन मैदान में
बिहार की राजनीति मुख्य रूप से दो बड़े गठबंधनों के बीच है। एक तरफ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA), दूसरी तरफ महागठबंधन (INDIA ब्लॉक)। इनके अलावा कुछ दल स्वतंत्र रूप से भी चुनाव लड़ रहे हैं और सीमांत वोट शेयर पर प्रभाव डाल सकते हैं।
गठबंधन/दल | प्रमुख नेता | मुख्य फोकस |
---|---|---|
NDA (JD(U), BJP, LJP(RV), HAM) | नीतीश कुमार, चिराग पासवान, अन्य | विकास, सड़क, बिजली, कानून-व्यवस्था |
महागठबंधन (RJD, INC, वाम) | तेजस्वी यादव, कांग्रेस नेतृत्व | रोजगार, सामाजिक न्याय, शिक्षा-स्वास्थ्य |
अन्य (जन सुराज, AAP, BSP) | प्रशांत किशोर, अरविंद केजरीवाल, मायावती | सेवाओं में सुधार, वैकल्पिक राजनीति |
रणनीति का सार
एनडीए विकास कार्यों और प्रशासनिक स्थिरता पर जोर देता है। महागठबंधन रोजगार और सामाजिक न्याय पर फोकस करता है। उभरते दल ग्राउंड कैंपेन और स्थानीय मुद्दों के सहारे जगह बनाने की कोशिश कर रहे हैं। सीट-टू-सीट समझौते, उम्मीदवार चयन और टर्नआउट मैनेजमेंट परिणाम तय करेंगे।
बड़े मुद्दे: इस बार वोटर क्या सोच रहा है
- रोजगार और प्रवास
- शिक्षा और स्वास्थ्य
- कानून-व्यवस्था और भ्रष्टाचार
- जातीय समीकरण और सामाजिक न्याय
- कृषि, बाढ़ प्रबंधन और सिंचाई
- इन्फ्रास्ट्रक्चर और शहरी सेवाएं
बिहार के लाखों युवा नौकरी के लिए बाहर जाते हैं। सरकारी और निजी क्षेत्र में अवसर सीमित हैं। विपक्ष इस मुद्दे पर आक्रामक है। शिक्षा की गुणवत्ता और स्वास्थ्य ढांचे पर भी सवाल होते रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में डॉक्टरों की कमी, स्कूलों में शिक्षक-इन्फ्रास्ट्रक्चर की दिक्कतें चर्चा में हैं। कानून-व्यवस्था और भ्रष्टाचार पर राजनीति दोनों तरफ से गर्म रहती है। जातिगत गणित बिहारी राजनीति का स्थायी फैक्टर है। इसी बीच बाढ़ और सूखा जैसी आपदाएं कृषि को प्रभावित करती हैं, इसलिए सिंचाई और भंडारण का सवाल भी बड़ा है।
मतदाताओं के लिए जरूरी जानकारी
इस बार बिहार में अनुमानित 8–9 करोड़ मतदाता वोट डालेंगे। हर मतदाता के लिए यह जरूरी है कि वह अपना नाम मतदाता सूची में जांच ले और बूथ का विवरण समय से देख ले।
कौन वोट दे सकता है
- जो व्यक्ति 1 जुलाई 2025 तक 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र का है।
- जो व्यक्ति बिहार में सामान्य रूप से निवास करता है।
मतदाता सूची में नाम कैसे जांचें
- voters.eci.gov.in पर जाएं।
- नाम/EPIC नंबर, जिला और अन्य विवरण भरें।
- स्थिति देखें और प्रिंट/स्क्रीनशॉट सुरक्षित रखें।
नया वोटर कैसे बने या संशोधन कैसे करें
- ऑनलाइन Form-6 (नया नाम) और Form-8 (संशोधन) भरें।
- बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) से संपर्क करें।
- आयु प्रमाण: जन्म प्रमाणपत्र/10वीं मार्कशीट। पता प्रमाण: राशन कार्ड/बिजली बिल/पासपोर्ट।
मतदान के दिन जरूरी दस्तावेज
- वोटर आईडी (EPIC) या आधार, पैन, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, मनरेगा जॉब कार्ड जैसे वैध पहचान पत्र।
- बूथ नंबर और समय। सामान्य समय: सुबह 7 से शाम 6 तक।
प्रचार, आचार संहिता और सोशल मीडिया
आचार संहिता लागू होते ही सरकारी घोषणाओं पर रोक लग जाती है। सरकारी संसाधनों का इस्तेमाल प्रचार में नहीं हो सकता। उम्मीदवारों के खर्च की निगरानी होती है। रैलियों, रोड शो और लाउडस्पीकर पर तय समय सीमा लागू रहती है। सोशल मीडिया पर विज्ञापन के लिए अनुमतियां और डिस्क्लोजर जरूरी होते हैं। उल्लंघन पर नोटिस और कार्रवाई तय है।
सीटिंग पैटर्न और स्थानीय फैक्टर
हर सीट पर स्थानीय फैक्टर अलग होते हैं। उम्मीदवार की छवि, पिछले काम, जातीय समीकरण और बूथ प्रबंधन महत्व रखते हैं। शहरी सीटों में मुद्दे अलग होते हैं, ग्रामीण सीटों में अलग। सीमांत वोट शेयर और कम अंतर वाले मुकाबले में कुछ हजार वोट भी तस्वीर बदल देते हैं। इसलिए ग्राउंड कैंपेन, डोर-टू-डोर और स्थानीय संगठनों के साथ तालमेल निर्णायक सिद्ध होते हैं।
दिव्यांग, वरिष्ठ नागरिक और महिला वोटर्स
- रैंप, व्हीलचेयर और हेल्प डेस्क की व्यवस्था।
- जरूरत पर बूथ तक परिवहन सहायता स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कराई जाती है।
- महिला-संचालित बूथ एक सुरक्षित और दोस्ताना माहौल बनाते हैं।
FAQs: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
आपका वोट, बिहार का भविष्य
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 सिर्फ सत्ता परिवर्तन का चुनाव नहीं है। यह राज्य के भविष्य की दिशा तय करेगा। रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, कानून-व्यवस्था और विकास जैसे मुद्दे केंद्र में हैं। हर मतदाता अपना नाम सूची में जांचे और तय तारीखों पर बूथ पर पहुंचे। लोकतंत्र की ताकत आपके वोट में है। एक वोट सरकार बदल सकता है। सोच-समझकर और जिम्मेदारी से वोट डालें।
डिस्क्लेमर: दलों और रणनीतियों का उल्लेख सार्वजनिक जानकारी पर आधारित है। सीट वितरण और उम्मीदवार सूची आधिकारिक घोषणा के बाद बदल सकती है।