डायबिटिक रेटिनोपैथी: मधुमेह रोगियों के लिए दृष्टि बचाने की चेतावनी

0 Divya Chauhan
डायबिटिक रेटिनोपैथी: मधुमेह रोगियों के लिए दृष्टि बचाने की चेतावनी
 
डायबिटिक रेटिनोपैथी: मधुमेह रोगियों के लिए दृष्टि बचाने की चेतावनी
08 अक्टूबर 2025, समय: 17:00 (IST), स्थान: नई दिल्ली

भारत में मधुमेह के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। शहरी जीवनशैली, तनाव और गलत खानपान इसकी बड़ी वजह हैं। कम लोग जानते हैं कि डायबिटीज केवल ब्लड शुगर नहीं बढ़ाती, यह आँखों की रोशनी को भी चुपचाप नुकसान पहुँचाती है। इस समस्या को डायबिटिक रेटिनोपैथी कहा जाता है। यह धीरे-धीरे दृष्टि को प्रभावित करती है और समय रहते जांच न हो तो अंधेपन तक ले जा सकती है।

मुख्य चेतावनी
नियमित नेत्र-जांच, ब्लड शुगर नियंत्रण और समय पर इलाज से अधिकांश मामलों में दृष्टि बचाई जा सकती है।
डायबिटिक रेटिनोपैथी क्या है?

डायबिटिक रेटिनोपैथी वह स्थिति है, जब लंबे समय तक ब्लड शुगर बढ़े रहने से आँख की रेटिना प्रभावित होती है। रेटिना प्रकाश को महसूस कर मस्तिष्क तक दृश्य संदेश पहुँचाती है। जब रेटिना की सूक्ष्म रक्त-वाहिकाएँ कमजोर होकर लीक करने लगती हैं, तो देखने की क्षमता घटती जाती है। शुरुआत में कोई दर्द नहीं होता, इसलिए इसे अक्सर “साइलेंट ब्लाइंडनेस” कहा जाता है।

भारत में बढ़ती चिंता: आंकड़ों की तस्वीर
  • भारत में करोड़ों लोग डायबिटीज से प्रभावित हैं।
  • हर पाँच में से एक डायबिटिक व्यक्ति में रेटिनोपैथी के संकेत मिल सकते हैं।
  • बिना जांच के मामलों में देर से पता चलता है और नुकसान बढ़ जाता है।
जोखिम-कारक और उनका संभावित प्रभाव
जोखिम-कारक क्या हो सकता है कब सचेत हों
लंबे समय तक उच्च शुगर रेटिना की रक्त-वाहिकाएँ क्षतिग्रस्त HbA1c लगातार 7% से ऊपर
उच्च रक्तचाप लीकेज और सूजन का जोखिम बढ़ता BP 140/90 mmHg या अधिक
उच्च कोलेस्ट्रॉल हार्ड एक्सुडेट्स, धुंधलापन LDL ऊँचा, HDL कम
धूम्रपान/शराब रक्त-प्रवाह बाधित, सूजन आदत जारी रहना
गर्भावस्था में अनियंत्रित शुगर तेजी से प्रगति संभव डॉक्टर-परामर्श में ढिलाई
डायबिटिक रेटिनोपैथी के प्रकार
1) नॉन-प्रोलिफरेटिव डायबिटिक रेटिनोपैथी (NPDR)

यह शुरुआती चरण है। रक्त-वाहिकाएँ कमजोर होकर लीक कर सकती हैं। हल्की धुंधलाहट, छोटे धब्बे और सूजन दिख सकती है।

2) प्रोलिफरेटिव डायबिटिक रेटिनोपैथी (PDR)

यह गंभीर चरण है। नई असामान्य रक्त-वाहिकाएँ बनती हैं जो आसानी से फटती हैं। विट्रियस में रक्तस्राव, रेटिना डिटैचमेंट और स्थायी दृष्टि-हानि हो सकती है।

शुरुआती लक्षण जिन्हें नज़रअंदाज़ न करें
  • धुंधला, लहराता या टेढ़ा दिखाई देना
  • आँखों के सामने तैरते धब्बे/धागे
  • रात में देखने में मुश्किल
  • रंगों की पहचान में बदलाव
  • अचानक से दृष्टि का घटना
जांच कैसे होती है: क्लिनिक में क्या उम्मीद रखें
डायलेटेड आई एग्ज़ाम
पुतली फैला कर रेटिना का विस्तृत परीक्षण। शुरुआती बदलाव भी पकड़ में आते हैं।
फ्लोरेसिन एंजियोग्राफी
डाई के जरिए लीकेज और ब्लॉकेज का पता चलता है।
OCT स्कैन
रेटिना की परतों की हाई-रेज़ इमेज। मैकुलर एडिमा की पहचान आसान।
इलाज के विकल्प: स्टेज के अनुसार अप्रोच
लेज़र (फोटोकॉगुलेशन)
लीक होती रक्त-वाहिकाओं को बंद कर नुकसान नियंत्रित किया जाता है। शुरुआती और चयनित मामलों में उपयोगी।
एंटी-VEGF इंजेक्शन
नई असामान्य रक्त-वाहिकाओं की वृद्धि रोकी जाती है, सूजन घटती है, दृष्टि स्थिर रहने में मदद मिलती है।
विट्रेक्टॉमी सर्जरी
गंभीर रक्तस्राव या रेटिना खिंचाव में अंदर जमा खून/स्कार टिश्यू हटाए जाते हैं।
बचाव के लिए रोज़मर्रा की आदतें
  • HbA1c को 7% से नीचे रखने की कोशिश करें।
  • रक्तचाप और लिपिड प्रोफाइल नियमित जाँचें।
  • धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएँ।
  • 30–40 मिनट तेज़ चाल से चलना या हल्का व्यायाम करें।
  • हर 12 महीने में एक बार नेत्र-जांच; लक्षण हों तो तुरंत।
आँखों के लिए मददगार आहार
खाद्य पदार्थ लाभ कैसे लें
हरी पत्तेदार सब्जियाँ ल्यूटिन-ज़ीएक्सैंथिन से कोशिकाओं की रक्षा दैनिक सब्जी में शामिल करें
गाजर/बीटरूट विटामिन A से दृष्टि को सहारा सलाद या सूप
अखरोट/अलसी ओमेगा-3 से सूजन में कमी 1–2 छोटे हिस्से/दिन
अमरूद/संतरा विटामिन C से रक्त-वाहिकाएँ मज़बूत मौसमी फल, 1–2 सर्विंग
साबुत अनाज ग्लाइसेमिक नियंत्रण बेहतर रिफाइंड के बजाय चुनें
क्या करें
  • ग्लूकोमीटर से नियमित शुगर मॉनिटरिंग
  • दवा/इंसुलिन समय पर लें
  • हर 12 माह में नेत्र-जांच
  • वज़न, नींद और तनाव पर ध्यान
क्या न करें
  • लक्षण आने तक इंतज़ार
  • धूम्रपान/अत्यधिक शराब
  • स्व-चिकित्सा या दवा छोड़ना
  • जांच रिपोर्ट को नज़रअंदाज़ करना
त्वरित तथ्य (अपडेट: 08 अक्टूबर 2025, 17:00 IST)
  • डायबिटिक रेटिनोपैथी धीरे-धीरे बढ़ती है, शुरुआती चरण में लक्षण कम दिखते हैं।
  • समय पर जांच और इलाज से अधिकांश मामलों में दृष्टि बच सकती है।
  • HbA1c, BP और लिपिड प्रोफाइल का नियंत्रण सबसे बड़ा बचाव है।
विशेषज्ञ की राय (नई दिल्ली, 08 अक्टूबर 2025)
“यदि डायबिटिक मरीज सालाना आँखों की नियमित जांच करवाते हैं और शुगर नियंत्रित रखते हैं, तो दृष्टि-हानि के जोखिम में स्पष्ट कमी आती है।”
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
प्रश्न: क्या हर डायबिटिक व्यक्ति को रेटिनोपैथी होगी?
उत्तर: नहीं। लेकिन लंबे समय तक शुगर नियंत्रण खराब रहने पर जोखिम बढ़ता है।
प्रश्न: जांच कितनी बार करानी चाहिए?
उत्तर: साल में एक बार। लक्षण दिखें तो तुरंत। गर्भावस्था में डॉक्टर की सलाह अनुसार।
प्रश्न: क्या घरेलू नुस्खे से इलाज संभव है?
उत्तर: नहीं। घरेलू तरीके सहायक आदतें हो सकती हैं, इलाज नहीं। नेत्र-विशेषज्ञ से उपचार लें।
प्रश्न: एंटी-VEGF इंजेक्शन दर्दनाक होते हैं?
उत्तर: डॉक्टर लोकल एनेस्थीसिया देते हैं, सामान्यतः सहने योग्य होता है।
प्रश्न: क्या लेज़र के बाद चश्मा हट जाएगा?
उत्तर: लेज़र का उद्देश्य नुकसान रोकना है, चश्मा नंबर बदलना अलग बात है।
निष्कर्ष

डायबिटिक रेटिनोपैथी धीमी लेकिन गंभीर समस्या है। यह बिना दर्द के दृष्टि छीन सकती है। आज, 08 अक्टूबर 2025 को, नई दिल्ली से यही संदेश देना ज़रूरी है कि मधुमेह को केवल शुगर-नंबर तक सीमित न समझें। आँखों की सालाना जांच, शुगर/बीपी/लिपिड नियंत्रण और समय पर इलाज ही दृष्टि की सच्ची सुरक्षा है।

आज ही एक नेत्र-जांच स्लॉट बुक करें
यदि आप डायबिटिक हैं और पिछले 12 महीनों में आँखों की जांच नहीं कराई, तो तुरंत अपॉइंटमेंट लें।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.