डायबिटिक रेटिनोपैथी: मधुमेह रोगियों के लिए दृष्टि बचाने की चेतावनी
मधुमेह केवल ब्लड शुगर को प्रभावित नहीं करता, बल्कि यह कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। इनमें से एक है डायबिटिक रेटिनोपैथी, जो आंखों को नुकसान पहुंचाने वाली एक खतरनाक स्थिति है। विशेषज्ञों के अनुसार, अगर इसका समय पर इलाज न हो, तो यह स्थायी अंधेपन का कारण बन सकती है।
डायबिटिक रेटिनोपैथी क्या है?
डायबिटिक रेटिनोपैथी में मधुमेह के कारण आंख की रेटिना की रक्त वाहिकाओं को नुकसान होता है। शुरुआत में इसके लक्षण हल्के होते हैं, जैसे धुंधला दिखना, आंखों में फ्लोटर्स दिखना या रात में देखने में परेशानी। लेकिन समय के साथ यह समस्या गंभीर हो सकती है।
किन लोगों को ज्यादा खतरा है?
- लंबे समय से मधुमेह के मरीज
- हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल वाले लोग
- धूम्रपान करने वाले
- गर्भवती मधुमेह रोगी महिलाएं
विशेषज्ञ बताते हैं कि जिन लोगों का ब्लड शुगर लंबे समय तक नियंत्रित नहीं रहता, उनमें इस बीमारी का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
लक्षण जिन्हें नजरअंदाज न करें
- धुंधला या बदलता हुआ दृष्टि
- आंखों के सामने काले धब्बे या रेखाएं
- रंग पहचानने में कठिनाई
- अचानक दृष्टि खोना
यदि ऐसे लक्षण दिखें, तो तुरंत आंखों के विशेषज्ञ से जांच करवानी चाहिए।
बचाव और उपचार
डायबिटिक रेटिनोपैथी से बचने के लिए सबसे जरूरी है ब्लड शुगर का नियंत्रण। साथ ही साल में कम से कम एक बार आंखों की पूरी जांच करवाना चाहिए।
इलाज के लिए लेजर थेरेपी, इंजेक्शन और सर्जरी का सहारा लिया जाता है। शुरुआती चरण में इलाज आसान और प्रभावी होता है।
जीवनशैली में सुधार जरूरी
स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम और धूम्रपान से दूरी इस बीमारी को रोकने में मदद करते हैं। हाल ही में मौन्जारो दवा वजन नियंत्रण और ब्लड शुगर प्रबंधन में कारगर पाई गई है, जिससे आंखों पर भी सकारात्मक असर पड़ सकता है।
मानसिक स्वास्थ्य का भी रखें ध्यान
मधुमेह जैसी बीमारियां मानसिक दबाव भी बढ़ाती हैं। किशोरों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं पर हालिया रिपोर्ट में भी बताया गया है कि मानसिक तनाव से शारीरिक बीमारियां और बिगड़ सकती हैं।
पाचन स्वास्थ्य से भी जुड़ा है जोखिम
मधुमेह रोगियों में गैस, जलन और पाचन संबंधी दिक्कतें आम हैं। ऐसे में पेट में गैस और जलन के घरेलू उपाय अपनाना भी फायदेमंद हो सकता है, ताकि शरीर पर अतिरिक्त दबाव न पड़े।
डायबिटिक रेटिनोपैथी से बचाव का सबसे बड़ा हथियार है जागरूकता और समय पर जांच। मधुमेह को हल्के में न लें, नियमित जांच करवाएं और जीवनशैली में सुधार करें, ताकि आपकी दृष्टि लंबे समय तक सुरक्षित रह सके।