देश में महंगाई से जूझ रहे उपभोक्ताओं को जुलाई महीने में बड़ी राहत मिली है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत की वार्षिक खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation) जुलाई 2025 में घटकर 1.55% पर आ गई है। यह पिछले पांच वर्षों का सबसे निचला स्तर है।
खाद्य वस्तुओं में आई सबसे ज्यादा गिरावट
इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह खाद्य वस्तुओं के दाम में आई कमी मानी जा रही है। जुलाई में प्याज, टमाटर, आलू जैसी सब्जियों के दाम में उल्लेखनीय कमी हुई। दाल, खाने का तेल और डेयरी उत्पाद भी सस्ते हुए, जिससे आम उपभोक्ताओं के बजट पर सकारात्मक असर पड़ा।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार —
- सब्जियां: 15% तक सस्ती
- दालें: 5-7% तक कमी
- खाने का तेल: 4% सस्ता
- दूध व डेयरी उत्पाद: लगभग 1% कमी
पिछले साल से बड़ी गिरावट
जुलाई 2024 में खुदरा महंगाई दर 6.25% थी। इस साल अप्रैल से लगातार महंगाई घट रही है। बेहतर मॉनसून, बढ़ी हुई सप्लाई और खाद्य वस्तुओं के पर्याप्त स्टॉक को इसकी वजह माना जा रहा है।
RBI की नीति पर असर
विशेषज्ञों का कहना है कि इतनी कम महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को ब्याज दरों में बदलाव पर सोचने का अवसर दे सकती है। अगर महंगाई इसी स्तर पर बनी रही तो त्योहारों के मौसम में उपभोक्ता खर्च और आर्थिक गतिविधियों में तेजी आ सकती है।
आम लोगों की प्रतिक्रिया
दिल्ली की रहने वाली गृहिणी सीमा शर्मा ने कहा, “पिछले कुछ हफ्तों से बाजार जाना आसान हो गया है। सब्जियां सस्ती हो गई हैं, जिससे महीने का खर्च थोड़ा कम हो रहा है।”
आगे की स्थिति
आर्थिक विश्लेषकों के अनुसार, आने वाले महीनों में त्योहारों के कारण मांग बढ़ सकती है, जिससे महंगाई में हल्की वृद्धि संभव है। सरकार को सप्लाई चेन और स्टॉक प्रबंधन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होगी ताकि कीमतें फिर से न बढ़ें।
जुलाई 2025 की 1.55% खुदरा महंगाई दर ने उपभोक्ताओं को फिलहाल राहत दी है। अगर यह रुझान बरकरार रहा तो आने वाले समय में आम लोगों की जेब पर बोझ और हल्का हो सकता है।
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