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Credit: Social Media |
मोहाली, 22 अगस्त 2025 – पंजाबी सिनेमा और हास्य जगत से एक बेहद दुखद खबर सामने आई है। मशहूर कॉमेडियन और अभिनेता जसविंदर भल्ला का 65 वर्ष की आयु में निधन हो गया। शुक्रवार सुबह मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। बताया जा रहा है कि भल्ला जी पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ थे और अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टर उन्हें बचा नहीं पाए।
जसविंदर भल्ला का जन्म 4 मई 1960 को पंजाब के लुधियाना जिले में हुआ था। बचपन से ही उनकी रुचि हास्य और नाटकों में थी। पढ़ाई में भी वे बेहद प्रतिभाशाली रहे। उन्होंने कृषि विषय में एम.एससी. और फिर पीएचडी की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद वे पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (PAU), लुधियाना में प्रोफेसर बने और लंबे समय तक छात्रों को पढ़ाया। 2020 में वे विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त हुए।
कॉमेडी की दुनिया में जसविंदर भल्ला का सफर 1980 के दशक में शुरू हुआ। उन्होंने ऑडियो कैसेट्स की एक श्रृंखला “छंकता” से अपनी हास्य यात्रा की शुरुआत की। उनके किरदार चाचा चतर सिंह और जगता आम लोगों की जुबान पर चढ़ गए। भल्ला का अंदाज़ साधारण होते हुए भी बेहद असरदार था। वे समाज की सच्चाइयों को हंसी-ठिठोली के साथ इस तरह पेश करते थे कि हर उम्र का दर्शक उनसे जुड़ जाता था।
फिल्मों में उन्होंने अपना पहला बड़ा किरदार “महौल ठीक है” फिल्म से निभाया। इसके बाद वे पंजाबी सिनेमा के सबसे लोकप्रिय कॉमेडियन बन गए। जट्ट एंड जूलियट, सरदार जी, कैरी ऑन जट्टा और दुल्हा भट्टी जैसी फिल्मों ने उन्हें घर-घर में मशहूर कर दिया। उनकी भूमिका एडवोकेट ढिल्लों को लोग आज भी याद करते हैं। हाल ही में वे 2024 में रिलीज़ हुई फिल्म “शिंदा शिंदा नो पापा” में दिखाई दिए थे।
कॉमेडी के साथ-साथ भल्ला जी का व्यक्तित्व बेहद सादगीभरा और मिलनसार था। वे हमेशा समाज की समस्याओं पर व्यंग्य के जरिए संदेश देते रहे। यही वजह है कि उन्हें केवल एक कॉमेडियन ही नहीं, बल्कि एक समाज शिक्षक भी माना जाता था।
उनके निधन की खबर से पूरे पंजाब और दुनियाभर में बसे पंजाबी समुदाय में शोक की लहर दौड़ गई है। पंजाब के मुख्यमंत्री, कई राजनीतिक नेताओं और फिल्म जगत की हस्तियों ने सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। सभी का कहना है कि जसविंदर भल्ला जैसे कलाकार सदियों में एक बार पैदा होते हैं।
उनका अंतिम संस्कार शनिवार, 23 अगस्त को दोपहर 12 बजे मोहाली के बलोंगी श्मशान घाट में किया जाएगा। परिजन, प्रशंसक और फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोग वहां उन्हें अंतिम विदाई देंगे।
जसविंदर भल्ला का जाना पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री ही नहीं बल्कि पूरे भारतीय हास्य जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने हंसाने के साथ-साथ समाज को सोचने पर मजबूर करने का जो काम किया, वह हमेशा याद किया जाएगा।
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