इस बार का रक्षाबंधन पूरे देश के लिए बेहद खास रहा। भाई-बहन के इस पावन पर्व ने न सिर्फ भावनाओं के बंधन को मजबूत किया, बल्कि आर्थिक गतिविधियों में भी नया इतिहास रच दिया। सरकारी आंकड़ों और व्यापारिक रिपोर्ट्स के मुताबिक, रक्षाबंधन 2025 के दौरान देशभर में 8 करोड़ से ज्यादा लोगों ने यात्रा की और मिठाइयों की बिक्री 4 हज़ार करोड़ रुपये के पार पहुंच गई।
रक्षाबंधन 2025 यात्रा में रिकॉर्ड तोड़ भीड़
त्योहार के नजदीक आते ही रेलवे, बस स्टैंड और एयरपोर्ट पर यात्रियों की भारी भीड़ देखने को मिली। भारतीय रेलवे के अनुसार, 7 से 10 अगस्त के बीच लगभग 6.5 करोड़ यात्री ट्रेन से सफर पर निकले। वहीं, सड़क मार्ग और एयरलाइंस के जरिए भी करीब 1.5 करोड़ लोग अपने गंतव्य तक पहुंचे।
रेलवे ने इस भीड़ को संभालने के लिए 400 से ज्यादा स्पेशल ट्रेनें चलाईं। बस ऑपरेटरों ने भी अतिरिक्त सेवाएं शुरू कीं, जबकि हवाई किरायों में मांग बढ़ने के कारण 15-20% तक का इजाफा देखने को मिला।
मिठाइयों की बिक्री ने तोड़ा सभी रिकॉर्ड
रक्षाबंधन पर मिठाई का खास महत्व है और इस बार बाजारों में रौनक देखते ही बन रही थी। मिठाई व्यापारी संघ के मुताबिक, इस बार देशभर में मिठाइयों की बिक्री का आंकड़ा 4,000 करोड़ रुपये के पार पहुंच गया, जो पिछले साल के मुकाबले करीब 25% ज्यादा है।
दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, जयपुर, अहमदाबाद और कोलकाता जैसे बड़े शहरों में ग्राहकों की भीड़ इतनी ज्यादा थी कि कई दुकानों पर मिठाई कुछ घंटों में ही खत्म हो गई।
लोकप्रिय मिठाइयाँ:
- रसगुल्ला और गुलाब जामुन
- काजू कतली
- मिल्क केक
- चॉकलेट-मिक्स मिठाइयाँ
ऑनलाइन गिफ्टिंग का भी जलवा
रक्षाबंधन 2025 में ऑनलाइन गिफ्टिंग का ट्रेंड भी तेजी से बढ़ा। ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स और गिफ्ट पोर्टल्स ने बताया कि राखी और गिफ्ट कॉम्बो की बिक्री में 30% की वृद्धि दर्ज हुई। एनआरआई भारतीयों ने भी विदेश से ऑनलाइन ऑर्डर देकर अपने भाई-बहन को तोहफे भेजे।
त्योहार के कारण ट्रैफिक और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
त्योहार की भीड़ को देखते हुए दिल्ली, मुंबई, पटना, भोपाल, लखनऊ जैसे शहरों में ट्रैफिक पुलिस ने विशेष इंतजाम किए। रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों और भीड़भाड़ वाले बाजारों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया।
दिल्ली मेट्रो ने भी रिकॉर्ड संख्या में यात्रियों को सेवा दी और कई रूट्स पर अतिरिक्त ट्रेनें चलाईं।
आर्थिक और सामाजिक महत्व
रक्षाबंधन सिर्फ भाई-बहन का त्योहार नहीं, बल्कि भारत की सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों को भी प्रभावित करता है। परिवहन, मिठाई व्यापार, गिफ्टिंग उद्योग, फूलों के कारोबार और यहां तक कि कपड़ा बाजार में भी भारी उछाल देखने को मिलता है।
व्यापार विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार रक्षाबंधन ने त्योहार-आधारित अर्थव्यवस्था के महत्व को एक बार फिर साबित कर दिया।
भावनाओं का अटूट बंधन
त्योहार की असली खूबसूरती गांव-शहर, छोटे-बड़े सभी इलाकों में भाई-बहन के मिलन के दृश्यों में दिखी। कई परिवारों में बहनें लंबी दूरी तय कर भाई के घर पहुंचीं और भाइयों ने उन्हें उपहार और आशीर्वाद दिया।
सोशल मीडिया पर भी #RakshaBandhan2025 और #BhaiBehenLove जैसे हैशटैग ट्रेंड में रहे।
रक्षाबंधन 2025 न सिर्फ रिकॉर्ड तोड़ यात्री संख्या और मिठाई बिक्री के लिए याद किया जाएगा, बल्कि भाई-बहन के अटूट रिश्ते की मिसाल के रूप में भी इतिहास में दर्ज होगा। त्योहार ने यह दिखा दिया कि चाहे समय कितना भी बदल जाए, भारत की सांस्कृतिक परंपराएं हमेशा दिलों को जोड़ने का काम करती रहेंगी।