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दक्षिण कोरिया की जानी-मानी इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी Samsung ने भारत में एक नया माइलस्टोन हासिल किया है। कंपनी ने पहली बार भारत में लैपटॉप (Laptop) निर्माण की शुरुआत कर दी है। यह कदम न केवल भारत सरकार के ‘Make in India’ मिशन को मजबूती देगा, बल्कि घरेलू बाजार की तेजी से बढ़ती मांग को भी पूरा करेगा।
अब तक सैमसंग भारत में स्मार्टफोन, टीवी और होम अप्लायंसेज जैसे प्रोडक्ट्स बनाती रही है, लेकिन लैपटॉप मैन्युफैक्चरिंग में यह उसका पहला कदम है। उद्योग जगत का मानना है कि यह निर्णय भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग का ग्लोबल हब (global hub) बनाने की दिशा में बड़ा बदलाव साबित हो सकता है।
🇮🇳 भारत में नई शुरुआत
सैमसंग ने भारत में अपने मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम (manufacturing ecosystem) को और मजबूत करने के लिए यह रणनीतिक निर्णय लिया है। कंपनी के अनुसार, भारत में लैपटॉप की मांग हर साल तेजी से बढ़ रही है और अब घरेलू स्तर पर उत्पादन करना एक स्वाभाविक कदम है।
अब तक भारत में सैमसंग के नोएडा और चेन्नई प्लांट्स स्मार्टफोन और टीवी के निर्माण के लिए जाने जाते थे। लेकिन नई यूनिट में लैपटॉप असेंबली और प्रोडक्शन भी शुरू कर दिया गया है। इससे भारत सैमसंग के वैश्विक सप्लाई नेटवर्क का एक और अहम हिस्सा बन जाएगा।
Industry experts का कहना है कि सैमसंग का यह कदम स्थानीय प्रतिस्पर्धा (competition) को और तेज करेगा, क्योंकि अब HP, Dell, Lenovo और Acer जैसी कंपनियों को भी अपनी रणनीति पर दोबारा विचार करना होगा।
👷♂️ रोजगार और निवेश के नए अवसर
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सैमसंग की नई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट से हजारों लोगों को रोजगार (employment) मिलने की संभावना है। इसमें न केवल उत्पादन (production) से जुड़ी नौकरियां होंगी, बल्कि तकनीकी, रिसर्च, डिजाइन और सप्लाई चेन जैसे क्षेत्रों में भी अवसर खुलेंगे।
कंपनी के अधिकारियों ने संकेत दिया है कि आने वाले वर्षों में भारत में निवेश (investment) को और बढ़ाया जाएगा। इससे छोटे और मध्यम उद्योगों (SMEs) को भी फायदा होगा, क्योंकि वे मैन्युफैक्चरिंग सप्लाई चेन में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
Skill development और technical training कार्यक्रमों के ज़रिए स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि वे लैपटॉप निर्माण से जुड़ी नई तकनीकों में महारत हासिल कर सकें।
🏛️ सरकार की नीतियों से मेल
भारत सरकार ने हाल के वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण को बढ़ावा देने के लिए कई पहलें की हैं। इनमें सबसे अहम है Production Linked Incentive (PLI) Scheme, जिसके तहत कंपनियों को उत्पादन बढ़ाने पर प्रोत्साहन दिया जाता है।
सैमसंग का यह कदम सरकार की नीति के अनुरूप है। विशेषज्ञों का कहना है कि PLI स्कीम ने विदेशी कंपनियों को भारत में उत्पादन करने के लिए आकर्षित किया है। इसी नीति के तहत अब भारत लैपटॉप और अन्य हाई-वैल्यू इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट्स का एक बड़ा मैन्युफैक्चरिंग सेंटर बन सकता है।
सरकार के अधिकारियों ने भी सैमसंग के इस कदम का स्वागत किया है और कहा है कि इससे “मेक इन इंडिया” मिशन को नई ऊर्जा मिलेगी।
💻 ग्राहकों को क्या होगा फायदा?
भारत में लैपटॉप निर्माण शुरू होने से ग्राहकों (customers) को सीधे कई लाभ होंगे:
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कम कीमतें (Lower Prices): आयात (imports) पर निर्भरता घटने से लागत कम होगी और कीमतें प्रतिस्पर्धी होंगी।
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तेज़ सर्विस (Faster Service): लोकल प्रोडक्शन होने से आफ्टर-सेल्स सर्विस और रिपेयरिंग (after-sales service and repair) की प्रक्रिया तेज और आसान होगी।
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कस्टमाइजेशन (Customization): भारतीय बाजार की जरूरतों के हिसाब से खास फीचर्स और डिजाइन वाले लैपटॉप विकसित किए जा सकेंगे।
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तेज़ डिलीवरी (Faster Delivery): लोकल प्रोडक्शन होने से डिलीवरी टाइम कम होगा और स्टॉक की उपलब्धता बढ़ेगी।
🌏 निर्यात (Export) की भी योजना
सैमसंग ने स्पष्ट किया है कि भारत में बने लैपटॉप केवल घरेलू बाजार (domestic market) के लिए ही नहीं, बल्कि विदेशों में निर्यात (export) के लिए भी होंगे। यह रणनीति भारत को एक export-oriented manufacturing base बनाने में मदद करेगी।
निर्यात से देश को विदेशी मुद्रा (foreign exchange) भी प्राप्त होगी और भारत के व्यापार संतुलन (trade balance) में सुधार होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में भारत एशिया और अफ्रीका के देशों के लिए लैपटॉप सप्लाई सेंटर बन सकता है।
📊 बढ़ती मांग का असर
पिछले कुछ वर्षों में भारत में लैपटॉप की मांग तेजी से बढ़ी है। इसके कई कारण हैं:
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Work From Home: कोविड-19 महामारी के बाद रिमोट वर्किंग का चलन बढ़ा।
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Online Education: छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए लैपटॉप की ज़रूरत बढ़ी।
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Startups & Digital India: स्टार्टअप्स और डिजिटल सर्विसेज में वृद्धि से डिवाइस की डिमांड बढ़ी।
IDC की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर साल लगभग 80-90 लाख लैपटॉप बिकते हैं, और यह आंकड़ा आने वाले वर्षों में और तेज़ी से बढ़ने की संभावना है। सैमसंग और अन्य कंपनियां इसी बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए अपने प्रोडक्शन फैसले ले रही हैं।
🏭 भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में कदम
सैमसंग का यह फैसला सिर्फ एक कारोबारी रणनीति नहीं है, बल्कि यह भारत को global electronics manufacturing hub बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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भारत में पहले से ही स्मार्टफोन और टीवी निर्माण का बड़ा नेटवर्क मौजूद है।
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अब लैपटॉप जैसे हाई-वैल्यू प्रोडक्ट्स के प्रोडक्शन से भारत की वैश्विक स्थिति मजबूत होगी।
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इससे अन्य कंपनियां भी भारत में निवेश के लिए प्रेरित होंगी।
सरकार और उद्योग जगत दोनों का मानना है कि अगले 5 से 7 वर्षों में भारत एशिया के सबसे बड़े इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण केंद्रों में से एक बन जाएगा।
🔚 निष्कर्ष: Make in India को नई उड़ान
सैमसंग द्वारा भारत में लैपटॉप निर्माण शुरू करना केवल एक औद्योगिक उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह भारत की बढ़ती तकनीकी क्षमता और आत्मनिर्भरता (self-reliance) का प्रतीक है।
इस कदम से देश को तीन बड़े फायदे मिलेंगे —
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रोजगार (Employment): लाखों युवाओं को नौकरियां मिलेंगी।
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निवेश (Investment): नई फैक्ट्रियों और तकनीकों में भारी निवेश आएगा।
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उपभोक्ता लाभ (Consumer Benefits): कम कीमतों और बेहतर सेवाओं का फायदा सीधे आम लोगों को होगा।
👉 Final Thought: सैमसंग की यह नई शुरुआत भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में एक नए युग की शुरुआत है। आने वाले वर्षों में यह फैसला भारत को न केवल एशिया बल्कि दुनिया के सबसे बड़े लैपटॉप मैन्युफैक्चरिंग सेंटर में बदल सकता है।

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