रूस का अब तक का सबसे बड़ा हमला, यूक्रेन की राजधानी कीव निशाने पर

0 Divya Chauhan
रूस का यूक्रेन पर सबसे बड़ा हवाई हमला, कीव में तबाही

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को शुरू हुए तीन साल से ज्यादा समय हो गया है। हर दिन नई घटनाएं सामने आती हैं। लेकिन इस बार जो हमला हुआ, उसे अब तक का सबसे बड़ा हमला कहा जा रहा है। रूस ने एक साथ सैकड़ों ड्रोन और मिसाइल दागे। यूक्रेन की राजधानी कीव समेत कई बड़े शहर निशाने पर रहे। सरकारी इमारतों से लेकर आम नागरिकों के घरों तक तबाही मच गई। कई लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए। इस हमले ने पूरे यूरोप को हिला दिया है।


रिपोर्ट्स के अनुसार, रूस ने इस बार करीब 800 से ज्यादा ड्रोन और मिसाइलों का इस्तेमाल किया। इनमें क्रूज़ मिसाइलें, शहीद ड्रोन और अन्य हथियार शामिल थे। कीव में प्रधानमंत्री कार्यालय और मंत्रिपरिषद भवन के पास धमाके हुए। वहां आग भी लग गई। सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में रात का आसमान लाल दिखाई दे रहा था। लोग दहशत में इधर-उधर भागते नजर आए।


यूक्रेन की सरकार ने कहा कि उसने कई मिसाइलें मार गिराईं, लेकिन इतने बड़े हमले को पूरी तरह रोक पाना संभव नहीं था। कई आवासीय इलाकों में नुकसान हुआ। कीव के मेयर ने पुष्टि की कि बच्चों और महिलाओं सहित कई नागरिक मारे गए। एक बच्चा भी हमले में मौत का शिकार हुआ। यह खबर सुनकर पूरा देश शोक में डूब गया।


रूस ने कहा कि उसने यह हमला सैन्य ठिकानों और हथियारों के गोदामों पर किया। लेकिन असलियत में नागरिक इलाकों को भी भारी नुकसान पहुंचा। यही वजह है कि दुनिया भर में इस हमले की निंदा हो रही है। अमेरिका और यूरोपीय देशों ने रूस की कार्रवाई को “युद्ध अपराध” बताया। वहीं रूस का कहना है कि वह यूक्रेन को हथियार देने वाले देशों को सबक सिखा रहा है।


यूक्रेन ने भी जवाबी कार्रवाई की। उसने रूस की एक अहम तेल पाइपलाइन पर हमला किया। ड्रुज़्बा नाम की इस पाइपलाइन से यूरोप के कई हिस्सों में तेल सप्लाई होता है। इस हमले से रूस की ऊर्जा व्यवस्था को नुकसान पहुंचा। विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले दिनों में रूस और भी आक्रामक हो सकता है।


यह हमला युद्ध की दिशा बदल सकता है। रूस ने दिखा दिया है कि वह पूरी ताकत से हमला करने में पीछे नहीं हटेगा। वहीं यूक्रेन अब और मजबूती से समर्थन मांग रहा है। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अमेरिका और यूरोप से ज्यादा हथियार और फंड की मांग की है। उनका कहना है कि बिना बाहरी मदद के यूक्रेन इस युद्ध को नहीं झेल पाएगा।


इस हमले का असर आम लोगों पर सबसे ज्यादा हुआ है। हजारों लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षित जगहों की ओर जा रहे हैं। कीव और अन्य शहरों में बंकरों में भीड़ लगी हुई है। लोग घंटों तक बिना बिजली और पानी के रह रहे हैं। अस्पतालों में मरीजों की लंबी कतारें हैं। डॉक्टर और नर्स लगातार काम कर रहे हैं।


अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता बढ़ गई है। यूरोपीय संघ ने कहा है कि रूस का यह कदम खतरनाक है। नाटो ने आपात बैठक बुलाई है। अमेरिका ने फिर से वादा किया है कि वह यूक्रेन को मदद देता रहेगा। लेकिन सवाल यह है कि आखिर यह युद्ध कब खत्म होगा।


विशेषज्ञ मानते हैं कि रूस इस तरह के बड़े हमलों से यूक्रेन की मनोबल तोड़ना चाहता है। वहीं यूक्रेन छोटे-छोटे जवाबी हमलों से रूस पर दबाव डालने की कोशिश कर रहा है। दोनों में से कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं है। यही वजह है कि युद्ध लंबा खिंचता जा रहा है।


रूस की अर्थव्यवस्था पर भी इसका असर हो रहा है। लगातार सैन्य खर्च और पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों से वहां की स्थिति बिगड़ रही है। लेकिन रूस ने अब तक यह दिखाया है कि वह युद्ध जारी रखने के लिए तैयार है। दूसरी ओर, यूक्रेन पूरी तरह पश्चिमी मदद पर निर्भर है।


कीव में रहने वाले एक नागरिक ने मीडिया से कहा कि उन्होंने ऐसा हमला पहले कभी नहीं देखा। रातभर धमाके होते रहे। खिड़कियां टूट गईं और पूरा इलाका धुएं से भर गया। बच्चे डरे हुए हैं। लोग बंकरों में छिपे रहे। यह बयान इस हमले की भयावहता को दिखाता है।


इस हमले के बाद यह साफ हो गया है कि स्थिति और बिगड़ सकती है। अगर रूस बार-बार इतने बड़े हमले करता रहा तो यूक्रेन की बुनियादी संरचना पूरी तरह तबाह हो सकती है। बिजली, पानी, अस्पताल और स्कूल सब प्रभावित होंगे। इससे लाखों लोगों का जीवन और मुश्किल हो जाएगा।


संयुक्त राष्ट्र ने भी चिंता जताई है। उसने कहा है कि आम नागरिकों पर हमले रोकने चाहिए। लेकिन रूस ने स्पष्ट किया है कि वह अपनी रणनीति नहीं बदलेगा। इसका मतलब यह है कि आने वाले दिनों में यूक्रेन को और हमलों का सामना करना पड़ सकता है।


यह युद्ध अब केवल रूस और यूक्रेन तक सीमित नहीं रहा। इसका असर पूरी दुनिया पर हो रहा है। यूरोप में ऊर्जा संकट गहरा गया है। वैश्विक बाजार में तेल और गैस की कीमतें फिर से बढ़ रही हैं। कई देशों की अर्थव्यवस्था पर इसका दबाव बढ़ रहा है।


आखिरकार यह कहा जा सकता है कि रूस का यह हमला युद्ध का एक नया मोड़ है। इसने दिखा दिया है कि संघर्ष और भी खतरनाक हो सकता है। यूक्रेन के लोग मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। दुनिया देख रही है, लेकिन समाधान अभी दूर है।

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