LIC और Adani Group पर उठा बड़ा सवाल — क्या सच में ₹32,000 करोड़ का निवेश हुआ?

0 Divya Chauhan
LIC ने Adani Group में ₹32,000 करोड़


भारत की सबसे बड़ी सरकारी बीमा कंपनी LIC (Life Insurance Corporation of India) एक बार फिर सुर्खियों में है। वजह है Adani Group में भारी निवेश को लेकर आई मीडिया रिपोर्ट्स। कहा गया कि सरकार ने मई 2025 में LIC को Adani Group की कंपनियों में करीब ₹32,000 करोड़ लगाने का प्रस्ताव दिया था।

रिपोर्ट के सामने आते ही सोशल मीडिया पर बहस शुरू हो गई। कई लोगों ने कहा कि जनता का पैसा किसी निजी कारोबारी समूह को दिया जा रहा है। वहीं, कुछ ने इसे LIC की सामान्य निवेश प्रक्रिया बताया। तो आखिर सच्चाई क्या है? आइए पूरी बात आसान भाषा में समझते हैं।


संक्षेप में: LIC ने Adani Group में “₹32,000 करोड़ दिए” नहीं हैं, बल्कि वर्षों से शेयर और बॉन्ड्स में निवेश किया है। नया “प्रस्ताव” वाली खबर को LIC ने गलत बताया है।

LIC क्या करती है और उसका पैसा कहाँ लगता है?

LIC लाखों भारतीयों का भरोसेमंद बीमा संस्थान है। हर महीने करोड़ों लोग अपनी पॉलिसियों में पैसा जमा करते हैं, और LIC उस पैसे को सुरक्षित निवेशों में लगाती है। इसका उद्देश्य है – पॉलिसीधारकों को बोनस देना और कंपनी के फंड्स को बढ़ाना।


LIC कई सेक्टरों में निवेश करती है, जैसे:


  • सरकारी बॉन्ड्स और सिक्योरिटीज
  • कॉर्पोरेट बॉन्ड्स (जैसे NCDs)
  • शेयर बाजार (इक्विटी)
  • इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रोजेक्ट्स


यानि यह कोई “दान” या “मदद” नहीं होती, बल्कि निवेश होता है – जिससे कंपनी को मुनाफा हो सके।


विवाद की शुरुआत कैसे हुई?

24 अक्टूबर 2025 को अमेरिकी अख़बार The Washington Post ने एक रिपोर्ट छापी। उसमें कहा गया कि भारतीय अधिकारियों ने LIC से Adani Group में करीब $3.9 बिलियन (लगभग ₹33,000 करोड़) लगाने का प्रस्ताव दिया था। रिपोर्ट में कहा गया कि यह कदम Adani Group को राहत देने के लिए था, क्योंकि उस पर अमेरिकी जांच एजेंसियों ने आरोप लगाए थे।


यह खबर सामने आते ही विपक्षी दलों ने इसे “जनता के पैसे का गलत इस्तेमाल” बताया। ट्विटर (अब X) और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर “#LICAdani” ट्रेंड करने लगा।


LIC का जवाब: “यह रिपोर्ट झूठी है”

LIC ने तुरंत बयान जारी कर कहा कि यह खबर “गलत और भ्रामक” है। कंपनी ने कहा कि किसी भी निवेश का निर्णय पूरी जांच और बोर्ड-स्वीकृत प्रक्रिया के तहत लिया जाता है। किसी राजनीतिक दबाव या आदेश का सवाल ही नहीं उठता।


“हमारे सभी निवेश नियामक दिशा-निर्देशों के अनुसार होते हैं। किसी व्यक्ति या संस्था के कहने पर नहीं।” – LIC प्रवक्ता


LIC का यह भी कहना है कि Adani Group में उसका निवेश कई सालों से है और यह किसी नए प्रस्ताव से जुड़ा नहीं है।


LIC का Adani में कितना निवेश है?

LIC के पास Adani Group की करीब 10 सूचीबद्ध कंपनियों में हिस्सेदारी है। यह हिस्सेदारी कई सालों में बढ़ी है। कंपनी के अनुसार, Adani Group में उसका कुल एक्सपोज़र (Exposure) लगभग ₹36,474 करोड़ है।


श्रेणीविवरण
निवेश का प्रकारइक्विटी (शेयर) और डेब्ट (NCDs/Bonds)
कुल एक्सपोज़रलगभग ₹36,000 करोड़
Adani Ports में निवेश₹5,000 करोड़ (NCDs)
Adani Enterprises, Power आदि मेंछोटी हिस्सेदारी
कुल पोर्टफोलियो में हिस्सालगभग 1% से भी कम


यानि LIC ने कोई “एकमुश्त ₹32,000 करोड़ दिए” नहीं, बल्कि समय के साथ कई कंपनियों में निवेश किया है।


सरकार की सफाई

सरकार ने भी इन खबरों को गलत बताया। वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि LIC की Adani Group में हिस्सेदारी बहुत कम है और इसे “Adani को बचाने की योजना” कहना गलत है। यह सामान्य निवेश प्रक्रिया का हिस्सा है।


एक अधिकारी ने कहा –


“LIC देश की हर बड़ी कंपनी में निवेश करती है, यह उसका व्यापार मॉडल है। Adani Group में भी वही प्रक्रिया अपनाई गई है।”

विपक्ष का आरोप

विपक्षी दलों ने इसे “पब्लिक मनी का दुरुपयोग” बताया। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि LIC और SBI जैसी संस्थाओं को किसी कारोबारी समूह के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।


उन्होंने संसद में जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) से जांच की मांग की। अन्य दलों ने भी कहा कि अगर सरकार ने दबाव बनाया है, तो यह “संस्थागत स्वायत्तता” के खिलाफ है।


आम लोगों की चिंता

LIC के करोड़ों ग्राहक हैं। लोग यह सोचने लगे कि अगर Adani Group में नुकसान हुआ तो क्या उनके पैसे पर असर पड़ेगा? LIC ने भरोसा दिलाया कि ऐसा नहीं होगा क्योंकि उसका कुल पोर्टफोलियो बहुत बड़ा है। Adani Group में निवेश उसका बहुत छोटा हिस्सा है।


सकारात्मक बात: LIC का निवेश बहुत विविध (Diversified) है। एक कंपनी का नुकसान पूरी संस्था को प्रभावित नहीं करता।


क्या LIC को नुकसान हुआ?

2023 में जब Hindenburg Research ने Adani Group पर आरोप लगाए थे, तब LIC को अस्थायी नुकसान हुआ था। शेयरों के दाम गिरे थे, लेकिन अगले साल Adani के शेयर फिर बढ़ गए। 2024–2025 में LIC को Adani निवेश से फायदा हुआ।


विशेषज्ञ क्या कहते हैं?

वित्तीय जानकारों का मानना है कि बड़ी संस्थाएं हमेशा दीर्घकालिक निवेश करती हैं। इसलिए अल्पकालिक उतार-चढ़ाव से बहुत फर्क नहीं पड़ता। पर विशेषज्ञ यह भी कहते हैं कि LIC जैसी सार्वजनिक संस्था को अपने निवेशों के बारे में और अधिक पारदर्शिता रखनी चाहिए।


“पारदर्शिता से भरोसा बनता है। निवेश में अगर सब कुछ नियमों के तहत है, तो लोगों को डरने की जरूरत नहीं।” – वित्त विशेषज्ञ (Mumbai)

विदेशी मीडिया और भारतीय संदर्भ

यह पहला मौका नहीं जब विदेशी मीडिया ने Adani Group को लेकर सवाल उठाए हों। 2023 में भी अमेरिकी रिपोर्ट के बाद Adani के शेयरों में गिरावट आई थी। तब भी LIC का नाम चर्चा में आया था। अब 2025 में Washington Post की रिपोर्ट ने वही बहस फिर से जगा दी है।


क्या निवेश करना गलत था?

निवेश करना गलत नहीं होता, अगर वह नियमों और पारदर्शिता के साथ किया गया हो। LIC का काम ही है सुरक्षित और लाभदायक जगहों पर पैसा लगाना। अगर निवेश नीति के अनुसार हुआ है, तो यह किसी “मदद” या “बचाव योजना” जैसा नहीं है। पर अगर निवेश राजनीतिक प्रभाव में किया गया हो, तो यह चिंता की बात है।


आगे क्या होगा?

इस विवाद के बाद कुछ संभावनाएँ हैं:

  • संसद या JPC जांच की मांग हो सकती है।
  • LIC को IRDAI (बीमा नियामक) से स्पष्टीकरण देना पड़ सकता है।
  • मीडिया और विपक्ष दबाव बनाए रख सकते हैं।
  • LIC अपने निवेश की ताज़ा जानकारी सार्वजनिक कर सकता है।

सोशल मीडिया की राय

लोग दो हिस्सों में बँट गए हैं। कुछ कह रहे हैं कि LIC जनता के पैसे का गलत उपयोग कर रही है, जबकि अन्य कह रहे हैं कि निवेश सामान्य बात है। कई उपयोगकर्ताओं ने लिखा कि LIC को अपने निवेशों की पारदर्शिता बढ़ानी चाहिए ताकि गलतफहमियाँ खत्म हों।


FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या LIC ने Adani को ₹32,000 करोड़ दिए?

नहीं। यह रकम एकमुश्त “दी” नहीं गई। वर्षों में शेयर और बॉन्ड्स के रूप में निवेश हुआ है। यह सामान्य निवेश प्रक्रिया है।

क्या यह निवेश सरकार के दबाव में हुआ?

LIC ने स्पष्ट कहा कि कोई भी निवेश निर्णय स्वतंत्र रूप से लिया जाता है। सरकार या किसी मंत्रालय से कोई निर्देश नहीं मिला।

क्या LIC को नुकसान हुआ?

अल्पकाल में 2023 में नुकसान हुआ था, पर अब स्थिति सामान्य है। Adani कंपनियों के शेयरों में सुधार आया है।

क्या जनता का पैसा सुरक्षित है?

हाँ, पूरी तरह। LIC का पोर्टफोलियो विशाल और विविध है। एक कंपनी का असर संपूर्ण फंड पर नहीं पड़ता।


निष्कर्ष

अब बात साफ है — LIC ने Adani Group को ₹32,000 करोड़ “दिए” नहीं हैं। उसने वर्षों से Adani की कुछ कंपनियों में निवेश किया है, जो पूरी तरह वैधानिक और नीति-आधारित प्रक्रिया का हिस्सा है। हालिया रिपोर्ट में जो “नया प्रस्ताव” बताया गया, उसे LIC और सरकार दोनों ने नकार दिया है।


यह विवाद अब “राजनीतिक और पारदर्शिता की बहस” का रूप ले चुका है। सच्चाई यह है कि LIC जैसी संस्था देश की आर्थिक व्यवस्था का भरोसेमंद स्तंभ है। उसका हर कदम नियमों के तहत होना चाहिए, ताकि जनता का विश्वास बना रहे।


संक्षिप्त संदेश: LIC का Adani में निवेश सामान्य निवेश है, न कि कोई “सहायता योजना”। LIC और सरकार ने सभी आरोपों को खारिज किया है।

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