हर साल दिवाली के समय चारों ओर रौनक होती है। घरों में सजावट होती है, मिठाइयाँ बनती हैं और रात को आसमान रंग-बिरंगी रोशनी से चमक उठता है। लेकिन इसी खुशी के बीच एक खतरा भी छिपा होता है — पटाखों का। खासकर छोटे बच्चों के लिए पटाखे खेल-खेल में खतरा बन सकते हैं। थोड़ी सी लापरवाही बड़े हादसे में बदल सकती है। इसलिए जरुरी है कि हम खुशियों के इस त्योहार को सुरक्षा के साथ मनाएं।
पटाखों से बच्चों को खतरा क्यों होता है
बच्चों में उत्साह बहुत होता है। वे बड़े लोगों को देखकर पटाखे जलाने की कोशिश करते हैं। लेकिन उन्हें खतरे का सही अंदाजा नहीं होता। पटाखे जलाते समय अगर ज़रा-सी चूक हो जाए, तो चोट लग सकती है। कपड़ों में आग लग सकती है या आंखों और हाथों को नुकसान हो सकता है।
बच्चों को पटाखों से होने वाले मुख्य खतरे
| खतरे का प्रकार | संभावित नुकसान |
| जलने का खतरा | फुलझड़ी, रॉकेट या बम की चिंगारी से त्वचा झुलस सकती है। |
| आंखों को नुकसान | तेज़ रोशनी और धुआं आंखों के लिए हानिकारक होते हैं। |
| कानों पर असर | तेज़ आवाज़ वाले पटाखे बच्चों की सुनने की क्षमता पर असर डालते हैं। |
| धुएं से परेशानी | एलर्जी या अस्थमा वाले बच्चों के लिए पटाखों का धुआं हानिकारक है। |
| कपड़ों में आग लगना | सिंथेटिक कपड़े में आग तेजी से फैलती है। |
माता-पिता को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए
बच्चों के लिए जिम्मेदारी सबसे पहले माता-पिता की होती है। त्योहार की खुशी में बच्चों को अकेला छोड़ देना या उन्हें खुद पटाखे जलाने देना, जोखिम भरा हो सकता है।
जरूरी सावधानियाँ
- बच्चों को हमेशा अपनी निगरानी में ही पटाखे जलाने दें।
- 6 साल से छोटे बच्चों को किसी भी हालत में पटाखे न दें।
- पटाखे जलाते समय बच्चों को सूती कपड़े पहनाएं।
- ढीले या नायलॉन के कपड़ों से बचें।
- बच्चों को समझाएं कि जलते हुए पटाखे के बहुत पास न जाएं।
- कोई पटाखा अगर नहीं जलता, तो दोबारा उसे छूने की कोशिश न करें।
- बाल्टी में पानी या रेत पास में रखें।
💡 टिप:
बच्चों को ‘सेफ डिस्टेंस’ का नियम मजेदार खेल की तरह सिखाएं ताकि वे सीखते-सीखते सावधान रहें।
सुरक्षित पटाखे कैसे चुनें
बाज़ार में हर तरह के पटाखे मिलते हैं, लेकिन सभी सुरक्षित नहीं होते। बच्चों के लिए हमेशा कम आवाज़ वाले और ISI मार्क वाले पटाखे खरीदें।
पटाखे खरीदते समय ध्यान रखें:
| बात | क्यों जरूरी |
| विश्वसनीय दुकान से खरीदें | नकली या खराब पटाखे खतरनाक हो सकते हैं। |
| ISI मार्क देखें | सुरक्षित निर्माण की पहचान होती है। |
| तेज़ आवाज़ वाले पटाखों से बचें | बच्चों और बुजुर्गों के लिए हानिकारक। |
| एक्सपायरी डेट देखें | पुराने पटाखे आसानी से फटते नहीं और विस्फोट कर सकते हैं। |
| नमी या खुले पटाखे न खरीदें | ऐसे पटाखे असुरक्षित और प्रदूषक होते हैं। |
पटाखे जलाते समय पालन करने योग्य नियम
त्योहार की मस्ती में लोग अक्सर कुछ जरूरी बातों को नजरअंदाज कर देते हैं। यही छोटी बातें हादसे की वजह बन जाती हैं।
जलाने से पहले
- पटाखे खुले और साफ जगह पर जलाएं।
- पास में बाल्टी भर पानी रखें।
- ज्वलनशील चीजें जैसे दीया या तेल दूर रखें।
- बच्चों को जमीन पर बैठकर फुलझड़ी जलाना सिखाएं।
- जलते हुए पटाखे पर झुकें नहीं।
जलाने के बाद
- जले हुए पटाखों को तुरंत हाथ न लगाएं।
- राख ठंडी हो जाने के बाद ही साफ करें।
- खाली डिब्बे बच्चों से दूर रखें।
- अधूरे जले पटाखे दोबारा न जलाएं।
घर के आसपास की सुरक्षा
कई बार हादसे पटाखों से नहीं, बल्कि आसपास के माहौल से होते हैं। ऐसे में थोड़ी सी सावधानी बड़े नुकसान से बचा सकती है। घर के अंदर या आस-पास कुछ नियमों का पालन करना जरूरी है ताकि दिवाली की खुशी बरकरार रहे।
- छत या बंद कमरे में कभी पटाखे न जलाएं।
- बिजली के तारों और सजावट से दूरी बनाएं।
- पास में पौधे, परदे या कागज की सजावट न रखें।
- बच्चों को छत के किनारे या बालकनी में पटाखे न जलाने दें।
- खुली और हवादार जगह चुनें जहाँ लोग भीड़ न लगाएं।
- पालतू जानवरों को पटाखों की आवाज़ से डर लगता है, उन्हें सुरक्षित कमरे में रखें।
अगर कोई हादसा हो जाए तो क्या करें
सावधानी के बावजूद कभी-कभी दुर्घटनाएं हो जाती हैं। ऐसे में घबराना नहीं चाहिए, बल्कि सही कदम तुरंत उठाना चाहिए।
हल्की जलन होने पर क्या करें
- जलने वाले हिस्से को तुरंत ठंडे पानी से धोएं।
- जलन पर तेल, टूथपेस्ट या मक्खन न लगाएं।
- साफ सूती कपड़े से हल्के हाथ से ढक दें।
- अगर दर्द ज्यादा हो तो डॉक्टर से सलाह लें।
गंभीर जलन होने पर
- प्रभावित हिस्से को ठंडे पानी में रखें, लेकिन बर्फ का प्रयोग न करें।
- घाव पर कोई क्रीम या मलहम बिना सलाह के न लगाएं।
- तुरंत डॉक्टर या नजदीकी अस्पताल जाएं।
- बच्चे को धुएं या तेज रोशनी से दूर रखें।
आंख में कुछ चला जाए तो
- आंख को न मलें।
- ठंडे साफ पानी से आंख को धीरे-धीरे धोएं।
- अगर जलन या दर्द जारी रहे तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
- आंख पर पट्टी न बांधें जब तक डॉक्टर न देखें।
पर्यावरण और समाज की जिम्मेदारी
पटाखों से बच्चों को तो खतरा होता ही है, साथ ही यह पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाते हैं। दिवाली के बाद हवा में धुआं और प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। इससे सांस की दिक्कतें, एलर्जी और आंखों में जलन जैसी समस्याएं बढ़ती हैं।
हमें क्या करना चाहिए
| कदम | फायदा |
| ग्रीन पटाखों का उपयोग | कम धुआं और आवाज, पर्यावरण पर कम असर। |
| कम मात्रा में पटाखे जलाएं | ध्वनि और वायु प्रदूषण दोनों घटते हैं। |
| बच्चों को जागरूक बनाएं | वे खुद पर्यावरण की रक्षा के संदेशवाहक बनेंगे। |
| आसपास सफाई रखें | जली हुई कागज़ और राख से आग या फिसलन का खतरा नहीं रहेगा। |
| स्थानीय नियमों का पालन करें | सरकार द्वारा तय समय और नियमों से सुरक्षा बनी रहती है। |
बच्चों को कैसे समझाएं
बच्चे डराने से नहीं, बल्कि प्यार से सीखते हैं। अगर उन्हें सुरक्षा को मजेदार तरीके से बताया जाए तो वे खुद ध्यान रखते हैं।
बच्चों को ऐसे सिखाएं
- पटाखों को “खेल नहीं, जिम्मेदारी” बताएं।
- उन्हें दिखाएं कि कैसे सुरक्षित दूरी बनाकर जलाना चाहिए।
- चार्ट या पोस्टर बनाकर “सेफ्टी रूल्स” सिखाएं।
- उन्हें ऐसा माहौल दें जिसमें डर नहीं बल्कि सीखने की खुशी हो।
- अगर बच्चा गलती करे तो डांटने के बजाय सही तरीका समझाएं।
त्योहार की असली खुशी क्या है
दिवाली सिर्फ पटाखों की नहीं, बल्कि प्रकाश और सकारात्मकता की होती है। बच्चों को यह सिखाना चाहिए कि असली खुशी दूसरों को खुश देखकर मिलती है। अगर हम थोड़ा ध्यान रखें तो किसी को चोट नहीं लगेगी और त्योहार का मज़ा भी बना रहेगा।
| सुरक्षा नियम | लाभ |
| सिंथेटिक कपड़े न पहनें | कपड़ों में आग लगने का खतरा घटता है। |
| ISI मार्क पटाखे ही लें | गुणवत्ता और सुरक्षा की गारंटी मिलती है। |
| बाल्टी में पानी रखें | आपात स्थिति में आग बुझाने में मदद करता है। |
| बच्चों पर निगरानी रखें | हादसे की संभावना कम होती है। |
| खुले स्थान में जलाएं | धुआं और शोर का असर कम पड़ता है। |
बच्चों की सुरक्षा चेकलिस्ट
नीचे दी गई यह चेकलिस्ट दिवाली से पहले बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तैयार की गई है। इसे प्रिंट करके भी घर पर लगा सकते हैं।
| सुरक्षा बिंदु | क्या तैयार है? |
| सूती कपड़े तैयार | ✔️ / ❌ |
| बाल्टी में पानी या रेत रखी है | ✔️ / ❌ |
| पहले से ISI मार्क पटाखे खरीदे गए | ✔️ / ❌ |
| बच्चों को सेफ्टी नियम समझाए | ✔️ / ❌ |
| पहले से फर्स्ट-एड बॉक्स तैयार | ✔️ / ❌ |
| पटाखे खुली जगह पर जलाने की योजना | ✔️ / ❌ |
| पालतू जानवरों को सुरक्षित रखा | ✔️ / ❌ |
| भीड़ या बंद जगह से बचाव की व्यवस्था | ✔️ / ❌ |
मुख्य बातें एक नजर में
अगर आपके पास पूरा लेख पढ़ने का समय न हो, तो नीचे दी गई तालिका में मुख्य बातें संक्षेप में दी गई हैं।
| विषय | संक्षेप |
| मुख्य खतरे | जलना, आंखों को नुकसान, धुआं, कपड़ों में आग। |
| सुरक्षा उपाय | सूती कपड़े पहनें, पानी पास रखें, खुले स्थान में जलाएं। |
| माता-पिता की भूमिका | बच्चों की निगरानी करें और उन्हें जिम्मेदारी से सिखाएं। |
| पर्यावरण संरक्षण | ग्रीन पटाखे जलाएं और कम धुआं फैलाएं। |
| हादसे के बाद कदम | घबराएं नहीं, तुरंत ठंडा पानी और डॉक्टर से संपर्क करें। |
| त्योहार का असली अर्थ | रोशनी, खुशियां और एकता — न कि शोर और प्रदूषण। |
सुरक्षा के साथ उत्सव मनाएं
त्योहार का असली आनंद तभी है जब वह बिना डर और चिंता के मनाया जाए। माता-पिता, शिक्षक और समाज — सभी की जिम्मेदारी है कि बच्चों को सुरक्षित पटाखा जलाने के सही तरीके सिखाएं।
अगर हर परिवार थोड़ी जागरूकता दिखाए, तो हादसे पूरी तरह टाले जा सकते हैं। इस साल हम सब मिलकर एक सुरक्षित, प्रदूषण-रहित और खुशहाल दिवाली मनाने का संकल्प लें।
✨ दिवाली संकल्प बॉक्स ✨
✅ बच्चों को जिम्मेदारी से सिखाऊंगा।
✅ पर्यावरण का ध्यान रखूंगा।
✅ शोर नहीं, खुशियां फैलाऊंगा।
निष्कर्ष
दिवाली का त्यौहार बच्चों के लिए खुशियों की बारिश लेकर आता है। लेकिन याद रखें, खुशी तभी सच्ची होती है जब सभी सुरक्षित हों। पटाखे जलाते समय थोड़ी सी लापरवाही बड़े हादसे में बदल सकती है। इसलिए सुरक्षा के नियमों का पालन करना हमारी जिम्मेदारी है।
माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों को न केवल पटाखे जलाना सिखाएं, बल्कि यह भी समझाएं कि कब और कैसे जलाना चाहिए। दिवाली का असली मकसद रोशनी फैलाना है, ना कि धुआं और डर।

