लाल किला ब्लास्ट 2025: NIA और CBI जांच में जुटी, सुरक्षा एजेंसियाँ सतर्क — देशभर में हाई अलर्ट

0 Divya Chauhan
Red Fort Blast 2025 NIA CBI Investigation

दिल्ली का दिल माने जाने वाला लाल किला सोमवार शाम एक जोरदार धमाके से दहल उठा। शाम करीब 6:50 बजे के आसपास लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास खड़ी एक Hyundai i20 कार में विस्फोट हुआ। धमाके की आवाज़ इतनी तेज थी कि कुछ मिनटों में ही पूरा इलाका धुएं और अफरातफरी से भर गया।

पुलिस के मुताबिक, घटना में 8 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 20 से अधिक घायल हैं। घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जिनमें कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।

📍मुख्य जानकारी:
  • स्थान — लाल किला मेट्रो स्टेशन, नई दिल्ली
  • मृतक — 8 | घायल — 20+
  • वाहन — Hyundai i20 (फरीदाबाद रजिस्ट्रेशन)
  • समय — शाम 6:50 बजे (10 नवंबर 2025)
  • जांच एजेंसियाँ — दिल्ली पुलिस, CBI, NIA

चश्मदीदों ने बताया कि कार कुछ देर से पार्क थी। अचानक उसके पिछले हिस्से से धुआं उठा और कुछ ही सेकंड में तेज धमाका हुआ। पास खड़ी तीन अन्य गाड़ियां और दो ऑटो-रिक्शा भी जल गए।

घटना के तुरंत बाद दिल्ली पुलिस, फॉरेंसिक टीम और फायर ब्रिगेड मौके पर पहुँची। दिल्ली पुलिस ने पूरे इलाके को घेर लिया और मेट्रो स्टेशन का एंट्री-एग्जिट बंद कर दिया।

जांच शुरू, कई एजेंसियाँ शामिल

दिल्ली पुलिस ने गाड़ी के नंबर से उसका रजिस्ट्रेशन डिटेल निकाला। पता चला कि यह गाड़ी हरियाणा के फरीदाबाद की है। गाड़ी के मौजूदा मालिक और पूर्व मालिक दोनों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।

प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया कि यह कोई सामान्य दुर्घटना नहीं बल्कि एक “संभावित प्लान्ड ब्लास्ट” हो सकता है। CBI और NIA की टीमें मौके पर पहुँच चुकी हैं और फॉरेंसिक जांच जारी है।

🔍 स्रोत: Reuters रिपोर्ट के मुताबिक, धमाके में विस्फोटक की मात्रा काफी अधिक थी, जिससे यह आकस्मिक घटना नहीं लगती।

फिलहाल पुलिस ने UAPA और Explosives Act के तहत मामला दर्ज किया है। गाड़ी के इंजन और मलबे के सैंपल जांच के लिए FSL (Forensic Science Lab) भेजे गए हैं।

लाल किला ब्लास्ट के बाद जांच एजेंसियाँ लगातार नए सुराग जुटा रही हैं। पुलिस के अनुसार, जिस Hyundai i20 कार में विस्फोट हुआ, वह फरीदाबाद में रजिस्टर्ड थी। वाहन का मालिक और उसके पहले का सेलर दोनों को हिरासत में लिया गया है। जांच में पता चला है कि गाड़ी कुछ महीने पहले ही एक कश्मीर के पुलवामा निवासी व्यक्ति को बेची गई थी।

CBI और NIA दोनों ने मौके का दौरा किया है। प्रारंभिक जांच में संकेत मिले हैं कि कार में high-intensity explosive इस्तेमाल हुआ। सुरक्षा एजेंसियाँ अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि यह धमाका किसी आतंकी साजिश का हिस्सा था या स्थानीय स्तर पर की गई आपराधिक कार्रवाई।

CCTV फुटेज से मिले अहम सुराग

दिल्ली पुलिस ने आसपास के 42 CCTV कैमरों की फुटेज खंगालनी शुरू की है। दो वीडियो में देखा गया है कि एक अज्ञात व्यक्ति घटना से करीब 15 मिनट पहले गाड़ी के आसपास मंडरा रहा था। पुलिस ने उसकी पहचान के लिए तस्वीरें जारी की हैं।

फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल से धातु के टुकड़े, तार, और रासायनिक अवशेष एकत्र किए हैं। इन्हें जांच के लिए FSL और DRDO की प्रयोगशाला में भेजा गया है। रिपोर्ट में ये पता चलने की उम्मीद है कि इस्तेमाल किया गया पदार्थ IED (Improvised Explosive Device) था या किसी औद्योगिक रासायनिक मिश्रण से विस्फोट हुआ।

📑 अपडेट: NIA के एक अधिकारी ने बताया कि विस्फोट के पैटर्न से यह मामला “pre-planned act” प्रतीत होता है। जांच अभी जारी है और कई राज्यों में छापेमारी की जा रही है।

सरकार की त्वरित प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धमाके पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि “यह कायराना कृत्य देश की शांति को बाधित करने की कोशिश है, लेकिन दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।” उन्होंने गृह मंत्रालय को हर घंटे की रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।

गृह मंत्री अमित शाह ने CBI, NIA और दिल्ली पुलिस को संयुक्त जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि “यह जांच सिर्फ घटना तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि पीछे की पूरी साजिश तक पहुँचेगी।”

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाएगा। उन्होंने पुलिस और फॉरेंसिक विभाग को पूरे सहयोग का भरोसा दिया है।

🔗 स्रोत: Times of India के अनुसार, घटना के बाद देशभर में सुरक्षा अलर्ट जारी कर दिया गया है।

देशभर में अलर्ट और सुरक्षा कड़ी

दिल्ली पुलिस ने सभी मेट्रो, रेलवे स्टेशन और प्रमुख पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा बढ़ा दी है। महाराष्ट्र, पंजाब और उत्तर प्रदेश में भी हाई अलर्ट जारी है। सुरक्षा एजेंसियाँ यह सुनिश्चित कर रही हैं कि कोई संदिग्ध गतिविधि कहीं और न हो।

फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन राजधानी में दहशत का माहौल बना हुआ है। पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि अफवाहें न फैलाएँ और संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना दें।

दिल्ली के लाल किला धमाके के बाद अब जांच की कमान पूरी तरह से National Investigation Agency (NIA) और Central Bureau of Investigation (CBI) के हाथ में है। जांच एजेंसियाँ इस घटना को “high priority national case” मान रही हैं।

NIA की शुरुआती रिपोर्ट में संकेत मिले हैं कि कार में इस्तेमाल किया गया विस्फोटक आम औद्योगिक नहीं था। यह किसी high-grade chemical substance से बना था, जिसे दूर से नियंत्रित किया जा सकता था। अधिकारियों ने बताया कि विस्फोट का पैटर्न सामान्य नहीं है, जिससे शक है कि यह pre-planned setup था।

NIA और CBI की आगे की कार्रवाई

CBI ने अब तक 15 से अधिक लोगों से पूछताछ की है, जिनमें कार विक्रेता, पास के दुकानदार और स्थानीय वाहन चालक शामिल हैं। पुलिस ने तीन संदिग्धों के स्केच जारी किए हैं, जिनमें से दो को दिल्ली-हरियाणा सीमा से पकड़ा गया है।

NIA ने अन्य राज्यों की इंटेलिजेंस एजेंसियों के साथ समन्वय बढ़ाया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या यह किसी आतंकी संगठन की स्लीपर सेल की गतिविधि थी। इसके अलावा, विस्फोट के पीछे किसी आर्थिक या राजनीतिक मकसद की भी जांच की जा रही है।

📑 रिपोर्ट: एजेंसियों ने यह भी पाया है कि धमाके से पहले 24 घंटे के भीतर उसी क्षेत्र में दो अज्ञात नंबरों से कई बार कॉल और लोकेशन एक्सचेंज हुए थे। यह फोन अब तकनीकी टीम के कब्जे में हैं।

जनता और नेताओं की प्रतिक्रिया

घटना के बाद देशभर से प्रतिक्रियाएँ आने लगीं। सोशल मीडिया पर #RedFortBlast और #DelhiExplosion ट्रेंड कर रहे हैं। लोगों ने सरकार से राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की मांग की है।

कई राजनीतिक दलों ने इस धमाके को “देश की सुरक्षा व्यवस्था की कमजोरी” बताया है, जबकि अन्य नेताओं ने कहा कि यह समय राजनीति का नहीं, बल्कि एकजुटता दिखाने का है।

दिल्ली के लोगों ने प्रशासन की तेज कार्रवाई की सराहना भी की है। स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि “अगर पुलिस कुछ ही मिनट देर करती, तो नुकसान और बड़ा हो सकता था।”

💬 आधिकारिक बयान: NIA प्रमुख ने कहा — “हमारी टीम लगातार सुराग जुटा रही है। किसी भी संदिग्ध को छोड़ा नहीं जाएगा। घटना की हर कड़ी को जोड़ा जा रहा है।”

निष्कर्ष: सुरक्षा और आस्था दोनों की रक्षा ज़रूरी

लाल किला न केवल दिल्ली का ऐतिहासिक प्रतीक है, बल्कि भारत की एकता और सुरक्षा का प्रतीक भी है। इस घटना ने यह दिखाया कि तकनीकी और सुरक्षा के युग में भी खतरे नए रूपों में सामने आ सकते हैं।

सरकार ने अब राजधानी की सभी संवेदनशील जगहों — संसद भवन, इंडिया गेट, और धार्मिक स्थलों — पर सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। नई सुरक्षा तकनीक जैसे AI surveillance और explosive detection sensors लगाने की तैयारी की जा रही है।

लोगों की एक ही मांग है — “हम डरना नहीं चाहते, बस भरोसा चाहते हैं।” यह घटना याद दिलाती है कि आस्था और सुरक्षा दोनों की रक्षा सिर्फ एजेंसियों नहीं, बल्कि पूरे समाज की जिम्मेदारी है।

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