इनकम टैक्स रिटर्न 2025: अंतिम तारीख और जरूरी जानकारी

0 Divya Chauhan

एक डेस्क पर कैलेंडर की छवि जिसमें हिंदी में "ITR फाइलिंग की अंतिम तारीख" लिखा है, जो 2025 में आयकर रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा को दर्शाता है, पृष्ठभूमि में धुंधला ऑफिस दृश्य के साथ

हर साल की तरह इस बार भी इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करना टैक्सपेयर्स के लिए एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। अगर आपकी आय टैक्सेबल है, तो समय पर रिटर्न फाइल करना जरूरी है ताकि आप कानूनी परेशानियों और जुर्माने से बच सकें। वित्तीय वर्ष 2024-25 (आकलन वर्ष 2025-26) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख को लेकर कई लोग असमंजस में हैं। इस लेख में हम आपको इसकी अंतिम तारीख, नियम, और जरूरी बातों के बारे में आसान और स्पष्ट भाषा में बताएंगे।

ITR फाइलिंग की अंतिम तारीख

सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए ITR फाइल करने की अंतिम तारीख को 31 जुलाई 2025 से बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दिया है। यह बदलाव उन टैक्सपेयर्स के लिए है जिनके खातों का ऑडिट जरूरी नहीं है, जैसे कि सैलरीड लोग, छोटे व्यवसायी, या प्रोफेशनल्स। इस एक्सटेंशन का कारण ITR फॉर्म्स में बड़े बदलाव और डिजिटल सिस्टम को अपडेट करने में लगने वाला समय है।

अगर आप ऑडिट की श्रेणी में आते हैं, जैसे कि कंपनियां या बड़े व्यवसाय, तो आपके लिए अंतिम तारीख 31 अक्टूबर 2025 है। वहीं, अंतरराष्ट्रीय लेनदेन (इंटरनेशनल ट्रांजेक्शन्स) वाले टैक्सपेयर्स के लिए यह तारीख 30 नवंबर 2025 है।
 

देर से फाइलिंग के नुकसान

अगर आप 15 सितंबर 2025 तक ITR फाइल नहीं करते, तो आपको बिलेटेड रिटर्न दाखिल करना होगा, जिसकी अंतिम तारीख 31 दिसंबर 2025 है। लेकिन, देर से रिटर्न फाइल करने पर आपको निम्नलिखित नुकसान हो सकते हैं:
  • जुर्माना: सेक्शन 234F के तहत, अगर आपकी आय 5 लाख रुपये से ज्यादा है, तो 5,000 रुपये तक का जुर्माना लग सकता है। अगर आय 5 लाख से कम है, तो जुर्माना 1,000 रुपये है।
  • ब्याज: सेक्शन 234A के तहत, बकाया टैक्स पर हर महीने 1% ब्याज देना पड़ सकता है।
  • नुकसान का कैरी फॉरवर्ड: कुछ खास नुकसानों को अगले साल में कैरी फॉरवर्ड करने का लाभ खो सकता है।
  • रिफंड में देरी: देर से फाइलिंग करने पर टैक्स रिफंड में देरी हो सकती है।

समय पर ITR फाइल करने के फायदे

समय पर ITR दाखिल करने से न केवल आप जुर्माने से बचते हैं, बल्कि कई अन्य फायदे भी मिलते हैं:

  • तेज रिफंड: जल्दी फाइलिंग से रिफंड जल्दी मिलता है।
  • कानूनी अनुपालन: समय पर रिटर्न फाइल करने से आपका टैक्स रिकॉर्ड साफ रहता है, जो भविष्य में लोन या वीजा के लिए मददगार होता है।
  • वित्तीय योजना: ITR फाइल करने से आप अपनी वित्तीय स्थिति को बेहतर समझ सकते हैं और टैक्स बचत की रणनीति बना सकते हैं।

ITR फाइल करने की तैयारी

ITR फाइल करने से पहले निम्नलिखित दस्तावेज तैयार रखें:
  • पैन और आधार: यह अनिवार्य है।
  • फॉर्म 16 और 26AS: सैलरी और TDS की जानकारी के लिए।
  • बैंक स्टेटमेंट: ब्याज आय और अन्य आय के लिए।
  • निवेश के प्रमाण: सेक्शन 80C, 80D आदि के तहत छूट के लिए।
आप ऑनलाइन इनकम टैक्स पोर्टल या ऑफलाइन Excel यूटिलिटी के जरिए ITR फाइल कर सकते हैं। प्री-फिल्ड डेटा चेक करना न भूलें ताकि गलतियां न हों।
 

संशोधित और अपडेटेड रिटर्न

अगर आपने गलती से ITR में कोई त्रुटि की है, तो 31 दिसंबर 2025 तक संशोधित रिटर्न (Revised ITR) दाखिल कर सकते हैं। इसके अलावा, अगर आप मूल और बिलेटेड रिटर्न दोनों की समयसीमा चूक गए, तो 31 मार्च 2030 तक अपडेटेड रिटर्न (ITR-U) फाइल कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए 60-70% अतिरिक्त टैक्स देना होगा।

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना सिर्फ कानूनी जिम्मेदारी ही नहीं, बल्कि आपकी वित्तीय सेहत के लिए भी जरूरी है। 15 सितंबर 2025 की समयसीमा का फायदा उठाएं और समय पर रिटर्न फाइल करें। अगर आपको प्रक्रिया समझने में दिक्कत हो रही है, तो किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट की मदद लें। सही समय पर सही कदम उठाकर आप न केवल जुर्माने से बच सकते हैं, बल्कि अपनी वित्तीय योजना को भी मजबूत कर सकते हैं।

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