भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि का अहम योगदान है। कई किसान अभी भी पारंपरिक तरीकों से काम करते हैं। कुछ जिले विकास के मामले में पीछे रहे। इन्हीं चुनौतियों को दूर करने के लिए सरकार ने Pradhan Mantri Dhan Dhaanya Krishi Yojana (PM-DDKY) शुरू की है।
यह योजना बड़े पैमाने पर जिले स्तर पर बदलाव लाने का प्रयास है। इसमें सिंचाई, भंडारण, फसल विविधता और किसान आय बढ़ाने पर जोर है। नीचे इसी योजना की पूरी, सरल और विस्तृत जानकारी दी जा रही है। यह लेख उन लोगों के लिए है जो नीतियों, जमीन पर क्रियान्वयन और किसानों की रोजमर्रा ज़रूरतों को समझना चाहते हैं।
PM-DDKY क्या है
PM-DDKY को जुलाई 2025 में आधिकारिक रूप से मंजूरी मिली। यह योजना विशेष रूप से उन 100 जिलों के लिए बनाई गई है जिनमें कृषि प्रदर्शन कम रहा है। सरकार ने इसके लिए लगभग ₹24,000 करोड़ प्रति वर्ष का बजट रखा है। योजना छह साल (2025–2031) चलेगी और इसका फोकस जिला-स्तरीय सुधार पर है।
योजना का मूल उद्देश्य है कि स्थानीय जरूरतों के आधार पर योजनाएँ तैयार हों और उनका समन्वय प्रभावी तरीके से हो। इसका मतलब है कि हर जिले का अपना एक योजना खाका होगा, न कि एक-सा राष्ट्रीय मॉडल।
योजना के प्रमुख उद्देश्य
PM-DDKY के कुछ स्पष्ट उद्देश्य हैं। इन्हें छोटे वाक्यों में समझना आसान है।
- किसानों की आय बढ़ाना।
- फसल विविधीकरण को बढ़ावा देना।
- सिंचाई और पानी के उपयोग को बेहतर बनाना।
- पोस्ट-हार्वेस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारना।
- डिजिटल मॉनिटरिंग के जरिए पारदर्शिता लाना।
- स्थानीय स्तर पर रोजगार और कृषि पर आधारित उद्योग बढ़ाना।
किस जिलों में लागू होगा और चयन मानदंड
योजना के पहले चरण में 100 जिलों का चयन किया गया। चयन के मानदंड सरल हैं।
- कम कृषि उत्पादकता (yield)
- फसल-चक्र कम होना
- सिंचाई की कमी
- कृषि क्रेडिट और मार्केट से जुड़ाव कम होना
सरकार ने हर राज्य से कम-से-कम एक जिला शामिल करने का नियम रखा है। इससे योजना राष्ट्रीय रूप धारण करती है और किसी राज्य की उपेक्षा नहीं होती।
बजट, अवधि और फंडिंग की रूपरेखा
केंद्र ने इस योजना के लिए सालाना लगभग ₹24,000 करोड़ अलग रखे हैं। यह राशि राज्यों और जिला परियोजनाओं के काम में इस्तेमाल होगी। योजना छह वर्षों तक चलेगी। इसका मतलब है कि केंद्र और राज्य दोनों मिलकर काम करेंगे। कई मौजूदा योजनाओं को समेकित कर संसाधन बेहतर होंगे।
ध्यान रखें — यह राशि हर जिले में समान रूप से नहीं बंटेगी। ज़रूरत और परियोजना की प्रकृति अनुसार फंड मिलेगा।
मुख्य घटक और गतिविधियाँ
PM-DDKY को लागू करने के लिए कई घटक रखे गए हैं। ये घटक मिलकर जमीन पर असर दिखाएंगे।
- Dhan Dhaanya Samiti: हर जिले में समिति बनेगी, जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में।
- DAAAP (District Agriculture & Allied Activities Plan): स्थानीय जरूरत के आधार पर योजना तैयार होगी।
- सिंचाई: ड्रिप, स्प्रिंकलर और छोटे जल संरचनाओं का निर्माण।
- भंडारण: साइलो, गोदाम और कोल्ड स्टोरेज का निर्माण।
- प्रशिक्षण: किसानों को तकनीक, मार्केटिंग और वैल्यू-ऐडेड गतिविधि की ट्रेनिंग।
- डिजिटल मॉनिटरिंग: 117 KPI के जरिए मासिक रिपोर्टिंग।
रंगीन सारणी — घटक बनाम लाभ
घटक | क्रिया | लाभ |
---|---|---|
Dhan Dhaanya Samiti | जिला-स्तर पर योजना का समन्वय | तेज़ निर्णय और निगरानी |
DAAAP | स्थानीय गतिविधियों की सूची | समाधान स्थानीय समस्याओं का |
सिंचाई | ड्रिप/माइक्रो-सिस्टम इंस्टॉल | पानी की बचत, पैदावार बढ़ेगी |
भंडारण | गोदाम, कूलर और पैकिंग | नुकसान घटेगा, दाम बेहतर मिलेंगे |
डिजिटल मॉनिटरिंग | 117 KPI और पोर्टल | पारदर्शिता और समय पर सुधार |
किसानों को मिलने वाले वास्तविक लाभ
जब योजना जमीन पर सही तरीके से लागू होगी तो किसान कई तरह के लाभ देखेंगे।
- उत्पादन और आय में बढ़ोतरी।
- किसान को फसल की कीमतों में सुधार।
- भंडारण से उपज को बेहतर समय पर बेचना संभव होगा।
- कर्ज और बीमा से वित्तीय सुरक्षा।
- नई तकनीक अपनाने से लागत कम और फायदा ज्यादा।
मान लो एक किसान को पहले फसल सूखने पर पूरे साल का नुकसान होता था। अब ड्रिप सिंचाई और छोटे स्टोरेज से वह फसल बचा सकता है और अच्छे दाम पा सकता है।
क्रियान्वयन — कदम दर कदम
- जिला स्तर पर Dhan Dhaanya Samiti का गठन।
- DAAAP तैयार करना — स्थानीय समस्याओं की लिस्ट बनाना।
- अनुदान और تکنیکی सहायता का वितरण।
- ट्रेनिंग शिविर और किसान मेलों का आयोजन।
- डिजिटल पोर्टल पर मासिक रिपोर्टिंग और समीक्षा।
यह सरल सी प्रक्रिया है, पर इसके सफल होने के लिए राजकीय और स्थानीय स्तर पर पारदर्शिता ज़रूरी है।
निगरानी, माप और रिपोर्टिंग
योजना की सफलता मापने के लिए 117 KPI तय किए गए हैं। इनमें उपज, सिंचाई क्षेत्र, भंडारण क्षमता, प्रशिक्षण सत्रों की संख्या, और किसानों की आय शामिल हैं। हर महीने जिलों की रिपोर्टिंग होगी। यह डेटाबेस सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराई जा सकती है ताकि नागरिक और शोधकर्ता भी जाँच कर सकें।
पारदर्शिता और शिकायत निवारण
योजना में शिकायतों के लिए डिजिटल पोर्टल और हेल्पलाइन शामिल हैं। किसान अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। स्थानीय समिति को हर शिकायत का समय पर निवारण करना होगा।
चुनौतियाँ — क्या मुश्किल हो सकती है?
हर नई योजना के साथ चुनौतियाँ भी आती हैं। PM-DDKY में भी कुछ जोखिम नजर आते हैं।
- जमीनी स्तर पर प्रशासनिक विलंब।
- विभिन्न विभागों के बीच समन्वय की कमी।
- किसानों तक सही जानकारी नहीं पहुँच पाना।
- प्राकृतिक आपदाएँ — सूखा, बाढ़ आदि का असर।
- स्थानीय स्तर पर पारदर्शिता बनाए रखना।
स्थानीय उदाहरण — प्रारंभिक काम
पहले चरण में कुछ जिलों में जल-संरक्षण, तालाबों की मरम्मत और छोटे कोल्ड स्टोरेज बनाए जा रहे हैं। राजस्थान के सूखे जिलों में माइक्रो-सिंचाई इंस्टॉल किए जा रहे हैं। झारखंड में दलहन उगाने पर ध्यान दिया जा रहा है। छोटे किसान समूहों को बीज और ट्रेनिंग दी जा रही है।
समाजिक और आर्थिक प्रभाव
यदि सही तरीके से लागू हुआ, तो PM-DDKY से कई सामाजिक फायदे होंगे। ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार बढ़ेगा। महिला किसान और युवा अधिक सक्रिय होंगे। स्थानीय कृषि-आधारित उद्योग उभरेंगे। इससे गांवों में पलायन कम हो सकता है। कुल मिलाकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
FAQ — अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q: PM-DDKY किस अवधि के लिए है?
A: यह योजना छह साल (2025–2031) के लिए है।
Q: योजना में कितने जिले शामिल हैं?
A: पहले चरण में 100 जिले चुने गए हैं।
Q: क्या छोटे किसानों को भी लाभ मिलेगा?
A: हाँ — योजना में छोटे और सीमांत किसानों के लिए भी विशेष प्रावधान हैं।
आगे क्या देखने को मिलेगा
आने वाले समय में हमें यह देखना होगा कि फंड कैसे खर्च होता है। DAAAP कितनी प्रभावी होती है। क्या प्रशिक्षण और तकनीक जमीन पर अपनाई जाती है। राज्य-स्तर पर कितनी गति से प्रोजेक्ट पूरा होता है। इन संकेतों से योजना की असली सफलता मापी जाएगी।
निष्कर्ष
Pradhan Mantri Dhan Dhaanya Krishi Yojana एक महत्वाकांक्षी और व्यापक योजना है। इसका लक्ष्य सिर्फ फसल बढ़ाना नहीं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को स्थायी बनाना है। यदि योजना पारदर्शी और प्रभावी तरीके से लागू हुई, तो यह किसानों की आमदनी और जीवन स्तर को बेहतर बना सकती है।
देश को चाहिए कि यह योजना जमीन पर बिना देरी और बिना बाधा के लागू हो। तभी इसका असली फायदा लोगों तक पहुँच पाएगा।
PM-DDKY 100 कृषि-पिछड़े जिलों में उत्पादन, सिंचाई और भंडारण सुधारकर किसानों की आय बढ़ाने का उद्देश्य रखती है। यह छह साल की योजना है और इसका बजट सालाना लगभग ₹24,000 करोड़ है।
यह लेख सार्वजनिक स्रोतों और सरकारी प्रेस नोट्स के आधार है। आधिकारिक और ताज़ा जानकारी के लिए PMO/PIB की वेबसाइट देखें।