आठवां वेतन आयोग यानी 8th Pay Commission का नोटिफिकेशन आते ही देशभर के केंद्रीय कर्मचारियों और लाखों पेंशनरों के बीच सबसे बड़ा सवाल यही था कि क्या इस बार महंगाई भत्ता यानी DA को बेसिक वेतन में मर्ज कर दिया जाएगा। यह चर्चा अचानक इसलिए तेज हुई क्योंकि पिछले कुछ महीनों में कर्मचारी-संगठनों और पेंशनर यूनियनों ने सरकार से आग्रह किया था कि जब DA लगातार बढ़कर 58% तक पहुँच चुका है, तो इसे बेसिक में शामिल करना चाहिए। इससे वेतन संरचना स्थिर होती और भत्तों तथा पेंशन में भी स्वाभाविक बढ़ोतरी होती।
कर्मचारियों की उम्मीदें इसलिए भी बढ़ीं क्योंकि 8th Pay Commission की अधिसूचना नवंबर 2025 में जारी हुई और इसके बाद मीडिया में लगातार यह खबरें चलने लगीं कि सरकार महंगाई भत्ते के ढांचे में बड़े बदलाव कर सकती है। लेकिन संसद में दिए गए लिखित उत्तर ने इस पूरे विषय को एकदम स्पष्ट कर दिया।
📢 सरकार ने जो कहा — DA Merger फिलहाल नहीं होगा
लोकसभा के शीतकालीन सत्र में जब वित्त मंत्रालय से पूछा गया कि क्या DA और DR को बेसिक वेतन या बेसिक पेंशन में मर्ज करने पर कोई विचार चल रहा है, तो मंत्रालय ने स्पष्ट लिखा कि “वर्तमान में सरकार के पास DA/DR को Basic Pay में मर्ज करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।”
इस बयान के बाद यह साफ हो गया कि 8th Pay Commission शुरू हो चुका है, लेकिन DA merger फिलहाल सरकारी एजेंडा का हिस्सा नहीं है। मंत्रालय के अनुसार, DA महंगाई के प्रभाव को संतुलित करने के लिए दिया जाता है और इसे अलग से रखने में ही वर्तमान नीति की स्थिरता है।
इसका मतलब यह है कि फिलहाल हर छह महीने होने वाली DA बढ़ोतरी जारी रहेगी, लेकिन बेसिक वेतन में इसे जोड़ने का कोई फैसला नहीं है।
💡 आखिर DA को बेसिक में मर्ज करने की मांग क्यों उठती है?
DA को बेसिक वेतन में शामिल करने की मांग नई नहीं है। 6th CPC और 7th CPC के दौरान भी यह मांग उठी थी, लेकिन इसे स्वीकार नहीं किया गया। इसका मुख्य कारण यह है कि यदि DA को बेसिक में जोड़ दिया जाए तो कई भत्ते और पेंशन राशि स्वतः बढ़ जाती है—जैसे HRA, Transport Allowance, Risk Allowance, Pension Revision, Commutation Amount आदि।
इसके अलावा जब DA 50% के आसपास पहुंच जाता है, तो यूनियनें DA merger की मांग और ज़ोर से उठाती हैं। इस बार भी ऐसा ही हुआ—DA 58% होने के कारण यह विषय सुर्खियों में आ गया।
| कारण | DA Merger से लाभ |
|---|---|
| वेतन में सुधार | Basic Salary स्वतः बढ़ जाती है |
| भत्तों में बढ़ोतरी | HRA, TA सहित कई allowances पर असर |
| पेंशन में लाभ | Basic Pension में सीधी वृद्धि |
| महंगाई को संतुलित करना | वेतन महंगाई दर के करीब हो जाता है |
यही वजह है कि कर्मचारी चाहते थे कि सरकार 8th Pay Commission के साथ इस बार DA merger भी लागू करे। लेकिन अभी स्पष्ट रूप से मना कर दिया गया है।
📝 8th Pay Commission क्या-क्या देखेगा?
हालांकि DA merger नहीं हो रहा, लेकिन 8th Pay Commission की भूमिका इससे कहीं ज्यादा व्यापक है। आयोग की जिम्मेदारी वेतन, भत्तों, पेंशन, कार्यस्थल स्थितियों, जोखिम भत्तों और पे-मैट्रिक्स की समग्र समीक्षा करना है। सरकार ने Terms of Reference भी जारी कर दिए हैं, जिनमें मुख्य फोकस वेतन ढांचे को भविष्य के अनुरूप बनाना है।
कर्मचारी यूनियनों का मानना है कि अगर DA merger अभी नहीं हुआ तो आयोग अपनी रिपोर्ट में वेतन संरचना में उचित सुधार करके इसका संतुलन बना सकता है।
📈 DA Merger न होने से वेतन पर क्या असर पड़ेगा?
सबसे बड़ा प्रभाव यह होगा कि Basic Pay वही रहेगा और भत्ते भी उसी बेसिक का प्रतिशत होंगे। क्योंकि यदि DA basic में जुड़ता तो बेसिक वेतन बढ़ जाता और उसके साथ कई allowances की राशि भी स्वतः बढ़ जाती।
- HRA केवल बेसिक पर आधारित होता है—DA से संबद्ध नहीं।
- Transport Allowance केवल आंशिक रूप से DA के अनुसार बदलता है।
- Pension base नहीं बदलेगा, इसलिए पेंशन वृद्धि भी सीमित रहेगी।
फिलहाल वेतन में कोई अतिरिक्त वृद्धि DA merger से नहीं होगी, लेकिन हर छह महीने में DA revision जारी रहेगा। इस वजह से कुल इन-हैंड सैलरी में मामूली बढ़ोतरी मिलती रहेगी।
🧐 क्या भविष्य में DA मर्ज हो सकता है?
सरकार ने “अभी” के लिए साफ मना किया है। इसका मतलब यह नहीं कि भविष्य में यह चर्चा बंद हो गई है। 8th CPC की रिपोर्ट आने पर परिदृश्य बदल सकता है। आयोग वेतन संरचना का पुनर्मूल्यांकन करता है, इसलिए इसकी सिफारिशों में कोई नया मॉडल सुझाया जा सकता है।
यूनियनें लगातार यह मांग कर रही हैं कि DA को स्थायी ढांचे में शामिल किया जाए। इसलिए आयोग अपनी रिपोर्ट में किसी वैकल्पिक समाधान या राहत प्रस्ताव का उल्लेख कर सकता है।
कर्मचारियों के लिए अभी का सबसे बड़ा सवाल—क्या वेतन वृद्धि 8th CPC की रिपोर्ट से होगी? इसका उत्तर आयोग की समीक्षा पर निर्भर करेगा।
8th Pay Commission के गठन के बाद कर्मचारियों की उम्मीदें बढ़ी थीं कि शायद इस बार वेतन में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। सबसे अधिक चर्चा DA merger को लेकर हो रही थी, क्योंकि कई विशेषज्ञों का मानना था कि DA 50% पार होने के बाद इसे बेसिक वेतन में जोड़ देना चाहिए। इससे वेतन संरचना मजबूत बनती और allowances में भी स्वाभाविक वृद्धि होती। लेकिन जब वित्त मंत्रालय का बयान आया, तब साफ हो गया कि मौजूदा ढांचे में DA को बेसिक वेतन में मर्ज करने का कोई निर्णय नहीं है।
अब सवाल यह है कि जब DA merger नहीं हुआ, तो कर्मचारियों और पेंशनरों पर इसका क्या वास्तविक प्रभाव पड़ेगा? और क्या 8th Pay Commission में ऐसा कुछ शामिल है जो भविष्य में इस स्थिति को बदल सकता है? इसी गहराई को समझने के लिए यह हिस्सा महत्वपूर्ण है।
📌 DA Merger न होने का सीधा प्रभाव
महंगाई भत्ता निरंतर बढ़ता है, लेकिन बेसिक वेतन स्थिर रहता है। यही कारण है कि कर्मचारी वर्ग DA को बेसिक में मर्ज करवाने की मांग बार-बार करता है। लेकिन चूँकि अभी merger नहीं हुआ, इसलिए कई महत्वपूर्ण प्रभाव बने रहेंगे:
- पेंशन की गणना पुराने बेसिक पर ही होगी।
- HRA, TA जैसे भत्ते भी उसी बेसिक पर आधारित रहेंगे।
- DA के बढ़ने से केवल कुल इन-हैंड सैलरी में सीमित बढ़ोतरी होगी।
- रिटायरमेंट के समय मिलने वाली ग्रेच्युटी और कम्युटेशन राशि में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा।
यदि DA basic में merge होता तो 50% से अधिक DA सीधे बेसिक बन जाता और इसके साथ allowances और pension भी काफी बढ़ जाते। यही कारण है कि कर्मचारी संगठनों ने इस मुद्दे को गम्भीरता से उठाया था, परन्तु फिलहाल सरकार ने इस दिशा में कदम नहीं उठाया है।
DA merger न होने से वेतन स्थिर रहता है, जबकि महंगाई बढ़ती रहती है। यह स्थिति लंबे समय में वेतन–महंगाई अंतर बढ़ा सकती है।
📉 DA Merger न होने से पेंशन पर क्या असर?
पेंशनरों के लिए DA merger सबसे महत्वपूर्ण विषय माना जाता है क्योंकि:
- Basic pension वही रहती है।
- DA केवल अलग भत्ता के रूप में मिलता है।
- DR (Dearness Relief) जितना भी बढ़े, वह पेंशन को स्थायी रूप से नहीं बढ़ाता।
यदि DA merge हो जाता तो Basic Pension बढ़ जाती और भविष्य के DR की गणना नए बेसिक पर होती, जो पेंशनरों के लिए बड़े लाभ का कारण बनता। लेकिन अभी कोई बदलाव नहीं होने के कारण pension structure स्थिर ही रहेगा।
पेंशनर यूनियनों का कहना है कि बढ़ती चिकित्सा लागत और जीवनयापन खर्च के बीच DR merger जरूरी है, पर सरकार ने इसे तत्काल स्वीकार नहीं किया।
📈 DA कितनी बार बढ़ता है?
DA की वृद्धि AICPI-IW (महंगाई सूचकांक) पर आधारित होती है। हर छह महीने — जनवरी और जुलाई — में इसकी समीक्षा होती है। यह व्यवस्था 7th CPC के बाद काफी सरल और पारदर्शी हो चुकी है।
| पैरामीटर | जानकारी |
|---|---|
| DA Revision | हर 6 महीने |
| सूचकांक | AICPI-IW (Labour Ministry) |
| वर्तमान DA | 58% |
DA जितना अधिक बढ़ता है, उतनी ही संभावना होती है कि कर्मचारी DA merger की मांग तेज करें। इसलिए 58% DA ने यह बहस और भी तीव्र कर दी थी।
📜 क्या 8th Pay Commission Terms of Reference में DA पर कोई बिंदु है?
8th Pay Commission की Terms of Reference (ToR) में वेतन संरचना, भत्ते, पेंशन, जोखिम कारक, कार्यभार और अन्य सेवाओं से जुड़े विषयों का गहन अध्ययन शामिल है। लेकिन DA को basic में merge करने का कोई बिंदु ToR में नहीं है।
इसका अर्थ है कि आयोग को अभी तक इस दिशा में कार्य करने का निर्देश नहीं दिया गया है। यदि सरकार चाहे तो बाद में ToR में addendum जोड़कर इस विषय पर विचार कर सकती है—पर अभी तक ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है।
यूनियन चाहती थीं कि ToR में DA merger का बिंदु शामिल हो, लेकिन सरकार ने इस मांग को स्वीकार नहीं किया है।
💬 कर्मचारी संघों की प्रतिक्रिया
कई कर्मचारी संगठनों ने कहा कि DA merger न होने से भत्तों और पेंशन संरचना में स्थिरता बनी रहेगी, लेकिन महंगाई के अनुसार वेतन वृद्धि पर्याप्त नहीं होगी। उनकी प्रमुख मांगें अभी भी ये हैं:
- Fitment factor बढ़ाया जाए।
- Risk Allowance, House Rent Allowance में सुधार।
- Pension सुधार और DR संरचना में पारदर्शिता।
कुछ संगठनों का तर्क है कि अगर DA merger नहीं हुआ, तो कम से कम बेसिक वेतन की गणना मजबूत की जानी चाहिए, ताकि बजट से बड़ा बोझ न आए और कर्मचारियों को प्रत्यक्ष लाभ भी मिले।
🔥 क्या अगले साल स्थिति बदल सकती है?
हाँ, ऐसा संभव है। 8th Pay Commission अपनी रिपोर्ट तक सरकार को सुझाव दे सकता है कि भत्तों और संरचना को महंगाई के अनुरूप पुनः व्यवस्थित किया जाए। यदि आयोग चाहे तो वैकल्पिक मॉडल जैसे DA stabilization fund, tier-based allowance system, या differential basic structure की सिफारिश कर सकता है।
लेकिन मौजूदा समय में स्पष्ट है कि सरकार ने DA merger पर इस वर्ष कोई कदम नहीं उठाया है।
यानी उम्मीदें खत्म नहीं हुई हैं—पर अभी किसी बदलाव की घोषणा नहीं है।
DA merger पर सरकार के “नहीं” कह देने के बाद अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि इसका वास्तविक प्रभाव क्या होगा और 8th Pay Commission की सिफारिशें इस स्थिति को किस तरह बदल सकती हैं। कर्मचारी, पेंशनर और सरकारी विभाग सभी इस विषय में अलग-अलग दृष्टिकोण रखते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि DA merger के पूरे ढांचे को सरल शब्दों में समझा जाए और यह जाना जाए कि आगे वेतन, पेंशन और allowances में क्या बदलाव संभव हैं।
🧾 DA Merger न होने का लंबी अवधि में असर
लंबी अवधि में DA merger न होने का मतलब है कि वेतन संरचना महंगाई के अनुपात में समय पर संतुलित नहीं हो पाती। DA केवल राहत देने वाला भत्ता है, जबकि basic pay स्थायी राशि होती है। यदि basic pay स्थिर रहता है, तो महंगाई के वर्षों में कर्मचारी की क्रय शक्ति कम होती जाती है। इसी अंतर को “wage lag” कहा जाता है।
DA basic में merge नहीं होने की वजह से वेतन–महंगाई का अंतर और बढ़ सकता है। कई कर्मचारी संगठन वर्षों से यह तर्क देते आए हैं कि DA 50% पार होने पर इसे basic में जोड़ दिया जाना चाहिए ताकि wage lag कम हो और वेतन संरचना संतुलित रहे।
यदि DA merge होता, तो महंगाई के तेज दौर में कर्मचारियों को अधिक स्थायी राहत मिलती और भत्तों में भी बेहतर वृद्धि देखने को मिलती।
📌 Allowances पर क्या असर पड़ेगा?
चूँकि अधिकतर allowances बेसिक वेतन के प्रतिशत पर आधारित होते हैं, इसलिए DA merger न होने से सीधे allowances में उतनी वृद्धि नहीं हो पाती जितनी merger होने पर होती।
- HRA प्रतिशत भले ना बदले, लेकिन उसका आधार (basic pay) बढ़ता नहीं।
- Risk allowance, hardship allowance, island allowance आदि भी पुराने base पर चलते रहेंगे।
- Transport allowance में DA का प्रभाव होता है, पर वह पूरी संरचना नहीं बदलता।
इसका मतलब है कि कुल वेतन में स्थायी वृद्धि नहीं होगी। केवल महंगाई राहत के रूप में DA बढ़ता रहेगा, जो long-term financial planning को सीमित करता है।
कई विशेषज्ञों का कहना है कि DA merger न होने से allowances की संरचना स्थिर रहती है, पर वेतन में स्थायी उछाल नहीं मिलता।
💡 पेंशनरों पर इसका वास्तविक प्रभाव
पेंशनरों के लिए DA merger सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि pension basic pay पर आधारित होती है। DR (Dearness Relief) महंगाई राहत के रूप में मिलता है, लेकिन DR merger न होने से basic pension स्थिर रहती है।
| पैरामीटर | वर्तमान प्रभाव |
|---|---|
| Basic Pension | कोई बढ़ोतरी नहीं |
| Dearness Relief | महंगाई पर आधारित राहत |
| Future DR | पुराने बेसिक पर ही आधारित |
यदि DR basic में merge होता तो भविष्य की DR गणना अधिक बेस पर होती, जो पेंशनरों को जीवनभर लाभ देता। लेकिन अभी इस दिशा में कोई निर्णय नहीं हुआ है।
📣 8th Pay Commission से क्या उम्मीद की जा सकती है?
यद्यपि सरकार ने DA merger पर साफ इंकार किया है, लेकिन 8th Pay Commission की रिपोर्ट आने के बाद स्थिति बदल सकती है। आयोग वेतन संरचना का पुनर्मूल्यांकन करेगा और संभव है कि वह fitment factor के माध्यम से वेतन बढ़ाने का सुझाव दे।
Fitment Factor बढ़ने से बिना DA merger किए भी वेतन में स्थायी वृद्धि हो सकती है। यह कर्मचारियों को किसी हद तक राहत दे सकता है।
कई यूनियनों का मानना है कि यदि DA merger नहीं हो रहा, तो fitment factor बढ़ाकर कमी को पूरा किया जाए।
इसके अलावा आयोग allowances के नए मॉडल, पेंशन सुधार, और बेसिक वेतन संरचना में आधुनिक बदलाव भी सुझा सकता है। इसलिए अभी भी कर्मचारियों की उम्मीदें पूरी तरह खत्म नहीं हुईं।
🔗 महत्वपूर्ण संबंधित विषय
नीचे दिए गए विषय 8th Pay Commission और DA merger से सीधे जुड़े हैं। इनका अध्ययन करने से आपको पूरे मामले की गहराई अधिक साफ दिखाई देगी।
उपयोगी पाठ:
📌 क्या आगे DA Merger संभव है?
सरकार ने DA merger को लेकर इस साल कोई फैसला नहीं लिया है। इसलिए फिलहाल कर्मचारियों और पेंशनरों को महंगाई भत्ता उसी रूप में मिलता रहेगा—अलग और समय-समय पर बढ़ता हुआ।
लेकिन 8th Pay Commission की रिपोर्ट तक तस्वीर बदल सकती है। आयोग अगर वेतन संरचना को महंगाई के अनुसार मजबूत करने का सुझाव देता है, तो भविष्य में कोई वैकल्पिक समाधान या राहत योजना लागू हो सकती है।
फिलहाल स्थिति यही है कि सरकार DA को Base Pay में merge करने के पक्ष में नहीं है। पर कर्मचारियों और पेंशनरों की मांग आगे भी जारी रहेगी, और संभावना है कि आयोग महंगाई और वेतन–अंतर को ध्यान में रखते हुए किसी सुधारात्मक मॉडल की सिफारिश करे।
कुल मिलाकर—DA merger अभी नहीं होगा, पर वेतन सुधार 8th CPC की रिपोर्ट के बाद संभव है।

