National Cancer Awareness Day 2025: लक्षण से पहले जांच जरूरी

0 Divya Chauhan
National Cancer Awareness Day 2025 in India – Theme, Importance & Prevention Tips

हर साल 7 नवंबर को भारत में National Cancer Awareness Day मनाया जाता है। यह दिन लोगों को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के प्रति जागरूक करने और शुरुआती जांच की अहमियत बताने के लिए समर्पित है। कैंसर आज दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बीमारियों में से एक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हर साल दुनिया में करीब 1 करोड़ से अधिक लोग इस बीमारी से प्रभावित होते हैं।

भारत में भी कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। 2025 में इस दिवस का फोकस है — “Don’t Wait for Symptoms”, यानी लक्षण आने का इंतज़ार न करें। विशेष रूप से युवा पीढ़ी और महिलाओं के लिए यह संदेश बेहद अहम है, क्योंकि शुरुआती स्टेज में कैंसर का इलाज पूरी तरह संभव होता है।

National Cancer Awareness Day 2025 का इतिहास

इस दिवस की शुरुआत वर्ष 2014 में भारत सरकार के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने की थी। उन्होंने यह पहल देश में बढ़ते कैंसर मामलों और जागरूकता की कमी को देखते हुए की थी। यह दिन Madam Marie Curie की जयंती पर मनाया जाता है — वही वैज्ञानिक जिन्होंने रेडियम और पोलोनियम की खोज की थी। उनका योगदान कैंसर के इलाज में रेडियोथेरेपी की नींव रखने वाला माना जाता है।

भारत सरकार ने इस दिन को मनाने का उद्देश्य रखा कि हर व्यक्ति को समय पर जांच और रोकथाम के उपायों की जानकारी मिले। स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare) द्वारा हर साल इस अवसर पर कई जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं।

क्यों जरूरी है यह दिवस?

भारत में हर साल लगभग 14 लाख नए कैंसर मरीज सामने आते हैं। इनमें से आधे से ज़्यादा मामलों में बीमारी का पता देर से चलता है। इसी वजह से मौतों का आंकड़ा भी बढ़ जाता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य लोगों को यह समझाना है कि “शुरुआती जांच ही सबसे बड़ा बचाव है।”

टिप: डॉक्टरों के अनुसार अगर कैंसर की पहचान शुरूआती चरण में हो जाए, तो 70% से अधिक मरीज पूरी तरह ठीक हो सकते हैं। समय पर जांच करवाना जीवन बचा सकता है।

भारत में कैंसर की स्थिति (2025)

भारत में कैंसर के सबसे सामान्य प्रकार हैं — स्तन कैंसर, फेफड़े का कैंसर, कोलन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर और ओरल कैंसर। इनमें से कई कैंसर जीवनशैली से जुड़े हैं — जैसे धूम्रपान, शराब सेवन, अस्वस्थ भोजन और शारीरिक निष्क्रियता।

National Cancer Awareness Day 2025 का थीम

इस साल का थीम है — “Don’t Wait for Symptoms: Early Detection Saves Lives”। कई लोग लक्षणों के गंभीर होने तक डॉक्टर के पास नहीं जाते, जिससे बीमारी बढ़ जाती है। यह थीम लोगों को नियमित जांच और जीवनशैली में सुधार के लिए प्रेरित करती है।

National Cancer Institute (NCI) की रिपोर्ट बताती है कि अगर शुरुआती जांच को बढ़ावा दिया जाए तो कैंसर से होने वाली मौतें 40% तक कम की जा सकती हैं। NCI के अनुसार, दुनिया भर में कैंसर के मामले हर साल 2% की दर से बढ़ रहे हैं।

जीवनशैली और रोकथाम

कैंसर सिर्फ आनुवांशिक कारणों से नहीं होता, बल्कि हमारे रोज़मर्रा की आदतों का इस पर गहरा असर होता है। Times of India की रिपोर्ट के अनुसार, कैंसर से बचने के लिए सात आसान उपाय अपनाए जा सकते हैं।

  • धूम्रपान और तंबाकू का सेवन पूरी तरह बंद करें।
  • प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट व्यायाम करें।
  • हरी सब्जियाँ, फल और साबुत अनाज को अपने आहार में शामिल करें।
  • शराब का सेवन सीमित या बंद करें।
  • सूरज की हानिकारक किरणों से त्वचा की सुरक्षा करें।
  • नियमित रूप से मेडिकल जांच करवाएँ।
  • तनाव कम करें और पर्याप्त नींद लें।
महत्वपूर्ण: NetMeds Health Library के अनुसार, कैंसर से बचने के लिए सबसे ज़रूरी है संतुलित आहार, समय पर जांच और सकारात्मक मानसिकता।

भारत में जागरूकता अभियान

हर साल 7 नवंबर को सरकारी और निजी संस्थान मिलकर कैंसर जागरूकता अभियान चलाते हैं। अस्पतालों में फ्री कैंसर स्क्रीनिंग कैंप, सेमिनार और हेल्थ टॉक्स आयोजित की जाती हैं। लोगों को यह बताया जाता है कि लक्षणों को नजरअंदाज करना सबसे बड़ी गलती है।

हाल के वर्षों में International Overdose Awareness Day जैसे अभियानों ने भी लोगों में स्वास्थ्य के प्रति नई सोच पैदा की है। इसी तरह कैंसर अवेयरनेस डे भारत में एक बड़ा सामाजिक स्वास्थ्य आंदोलन बन चुका है।

कैंसर से बचाव और शुरुआती जांच का महत्व

National Cancer Awareness Day का सबसे अहम संदेश यही है कि कैंसर से बचाव, इलाज से आसान है। अगर बीमारी को समय पर पहचान लिया जाए तो इलाज सरल, कम खर्चीला और प्रभावी होता है। भारत में ज्यादातर मरीज तब डॉक्टर तक पहुँचते हैं जब रोग अंतिम स्टेज में पहुंच चुका होता है।

डॉक्टरों के अनुसार, कैंसर की जांच को आम जीवन का हिस्सा बनाना जरूरी है। National Cancer Institute (NCI) का कहना है कि “Early Detection Can Save Millions of Lives.” भारत सरकार और कई NGOs इस दिशा में लगातार प्रयास कर रहे हैं।

  • 35 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को हर तीन साल में सर्वाइकल कैंसर की जांच करानी चाहिए।
  • 40 वर्ष से ऊपर की महिलाओं को हर दो साल में मेमोग्राफी करवानी चाहिए।
  • पुरुषों को तंबाकू सेवन करने पर हर साल ओरल कैंसर की जांच करानी चाहिए।
  • धूम्रपान करने वालों को फेफड़ों की जांच कराना बेहद जरूरी है।
जानकारी: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 2030 तक कैंसर से होने वाली मौतों को 25% तक घटाने का लक्ष्य रखा है।

महिलाओं में बढ़ता कैंसर का खतरा

भारत में हर साल जितने कैंसर केस दर्ज होते हैं, उनमें लगभग 60% महिलाएं होती हैं। स्तन कैंसर और सर्वाइकल कैंसर सबसे सामान्य हैं। इसके पीछे प्रमुख कारण हैं – असंतुलित जीवनशैली, जांच की कमी, सामाजिक झिझक और जागरूकता की कमी।

हमारे समाज में अब भी कई महिलाएं लक्षण दिखने के बाद भी जांच कराने में देर करती हैं। National Cancer Awareness Day इसी सोच को बदलने की कोशिश करता है। महिलाओं को सशक्त बनाना और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना इसका मुख्य उद्देश्य है।

इससे जुड़ा एक विस्तृत विश्लेषण आप यहां पढ़ सकते हैं — “भारत में क्रॉनिक बीमारी और महिलाओं पर असर” जहां विस्तार से बताया गया है कि कैंसर जैसी लंबी बीमारियों का महिला जीवन और परिवार पर क्या प्रभाव पड़ता है।

कैंसर की रोकथाम के 7 असरदार उपाय

NetMeds Health Library और Times of India की हेल्थ रिपोर्ट्स के अनुसार, नीचे दिए गए सात सरल उपायों से कैंसर का खतरा काफी हद तक कम किया जा सकता है।

  • धूम्रपान न करें: तंबाकू से जुड़े कैंसर (मुँह, गला, फेफड़े) भारत में सबसे ज्यादा हैं।
  • संतुलित आहार लें: फल, सब्जियाँ और फाइबरयुक्त भोजन लें, प्रोसेस्ड फूड से बचें।
  • नियमित व्यायाम करें: रोज़ाना कम से कम 30 मिनट चलना या योग करना।
  • शराब सीमित रखें: शराब कई प्रकार के कैंसर के लिए जोखिम बढ़ाती है।
  • वजन नियंत्रण में रखें: मोटापा कई कैंसर के पीछे मुख्य कारण है।
  • तनाव घटाएँ: सकारात्मक सोच और पर्याप्त नींद बेहद जरूरी है।
  • नियमित जांच कराएँ: लक्षण आने से पहले डॉक्टर से मिलें।
ध्यान दें: WHO और Health Ministry दोनों का मानना है कि अगर लोग सालाना जांच करवाएं तो कैंसर से मौतों में भारी कमी लाई जा सकती है।

भारत सरकार की कैंसर रोकथाम योजनाएँ

भारत सरकार ने कैंसर नियंत्रण के लिए कई योजनाएँ शुरू की हैं। इनका उद्देश्य है – “सस्ती जांच, शुरुआती इलाज और जन-जागरूकता”। नीचे कुछ प्रमुख योजनाएँ दी गई हैं:

  • National Programme for Prevention and Control of Cancer, Diabetes, CVD and Stroke (NPCDCS): यह योजना कैंसर समेत चार प्रमुख गैर-संक्रामक बीमारियों की रोकथाम पर केंद्रित है।
  • Ayushman Bharat Scheme: गरीब और निम्न आय वर्ग के लोगों को मुफ्त जांच और इलाज की सुविधा देती है। अस्पतालों में कैंसर की सर्जरी और कीमोथैरेपी तक मुफ्त कराई जाती है।
  • National Cancer Control Programme (NCCP): यह 1975 से चल रही है और देशभर में कैंसर अस्पतालों की संख्या बढ़ाने का काम करती है।
  • Indian Council of Medical Research (ICMR) Cancer Registry: यह पूरे देश के कैंसर केस रिकॉर्ड कर डेटा तैयार करती है जिससे नीति बनाने में मदद मिलती है।

भारत में कैंसर से जुड़ी चुनौतियाँ

कैंसर की रोकथाम जितनी जरूरी है, उतनी ही कठिन भी। ग्रामीण इलाकों में जांच केंद्रों की कमी, महंगा इलाज और गलतफहमियाँ अब भी बड़ी बाधा हैं। WHO की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर 100 में से सिर्फ 12 लोग नियमित हेल्थ चेकअप कराते हैं।

कैंसर के बढ़ते मामलों का एक कारण जागरूकता अभियानों की सीमित पहुंच भी है। इसीलिए सरकार ने 2025 से हर जिले में “Community Cancer Screening Centres” खोलने की योजना बनाई है।

महत्वपूर्ण: Times of India Health Section के मुताबिक, भारत में कैंसर से लड़ाई के लिए सबसे जरूरी है – जागरूकता, नियमित जांच और स्वस्थ आदतें।

कैंसर और मानसिक स्वास्थ्य

कैंसर का असर सिर्फ शरीर पर नहीं बल्कि दिमाग और भावनाओं पर भी पड़ता है। डर, चिंता, डिप्रेशन और अकेलापन – ये भावनाएँ सामान्य हैं। ऐसे समय में परिवार और दोस्तों का साथ बहुत जरूरी होता है। देश के कई कैंसर हॉस्पिटल अब मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग भी उपलब्ध करा रहे हैं ताकि मरीज मानसिक रूप से मजबूत रहें।

National Cancer Institute (NCI) के अध्ययन बताते हैं कि जो मरीज मानसिक रूप से सकारात्मक रहते हैं, उनकी रिकवरी गति 30% तक बेहतर होती है। यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि मानसिक स्थिति शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करती है।

भारत में कैंसर जागरूकता अभियान 2025

हर साल National Cancer Awareness Day के अवसर पर देशभर में अस्पताल, NGO, सरकारी संस्थान और मीडिया एक साथ मिलकर लोगों को जागरूक करने का काम करते हैं। 2025 में इस अभियान का नारा है – “Don’t Wait for Symptoms — Early Detection Saves Lives.”

स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस वर्ष एक विशेष पहल शुरू की है जिसका नाम है “India Against Cancer 2.0”। इस कार्यक्रम के तहत स्कूलों, कॉलेजों और ऑफिसों में फ्री कैंसर स्क्रीनिंग कैंप और स्वास्थ्य वार्ताएँ आयोजित की जा रही हैं। इसका उद्देश्य है — युवाओं को समय रहते जांच की आदत डालना।

कई प्रसिद्ध अस्पताल जैसे Tata Memorial Hospital, AIIMS और Adyar Cancer Institute भी इस दिन ऑनलाइन वेबिनार और मुफ्त जांच कैंप आयोजित करते हैं। साथ ही सोशल मीडिया पर #CancerAwarenessDay और #IndiaFightsCancer जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।

टिप: NetMeds Health Library के मुताबिक, शुरुआती जांच से कैंसर का इलाज 80% मामलों में पूरी तरह सफल हो सकता है।

मीडिया और सोशल नेटवर्क की भूमिका

आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया कैंसर अवेयरनेस फैलाने का सबसे बड़ा माध्यम बन गया है। YouTube, X (Twitter) और Instagram जैसे प्लेटफॉर्म पर डॉक्टर, हॉस्पिटल और सर्वाइवर अपनी कहानियाँ साझा करते हैं। ये कहानियाँ समाज में डर के बजाय प्रेरणा फैलाती हैं।

खास बात यह है कि युवा वर्ग अब इस विषय पर खुलकर बात कर रहा है। ज्यादातर हेल्थ इन्फ्लुएंसर्स कैंसर के शुरुआती लक्षणों और लाइफस्टाइल से जुड़ी गलतियों पर जानकारी साझा कर रहे हैं। इससे जागरूकता का दायरा शहरों से लेकर छोटे कस्बों तक पहुँच रहा है।

इसी क्रम में हमारा लेख “International Overdose Awareness Day” भी यह बताता है कि कैसे सोशल मीडिया जन-स्वास्थ्य अभियानों को प्रभावी बनाता है।

युवाओं की भूमिका और जिम्मेदारी

कैंसर सिर्फ बुजुर्गों की बीमारी नहीं है। आजकल बदलती जीवनशैली, अस्वस्थ आहार और तनाव के कारण युवाओं में भी कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। इसीलिए यह जरूरी है कि युवा पीढ़ी जागरूकता फैलाने में सक्रिय भूमिका निभाए।

  • स्कूल और कॉलेज में हेल्थ कैंप या “Cancer Awareness Week” आयोजित करें।
  • सोशल मीडिया पर कैंसर से जुड़ी सच्ची जानकारी साझा करें।
  • धूम्रपान और तंबाकू के विरोध में युवाओं की आवाज़ बनें।
  • दोस्तों और परिवार को जांच के लिए प्रेरित करें।
  • कैंसर सर्वाइवर की कहानियाँ सुनें और दूसरों को मोटिवेट करें।
महत्वपूर्ण: WHO की 2025 रिपोर्ट के अनुसार, हर पांचवां कैंसर केस अब 30 से 45 वर्ष के बीच के युवाओं में पाया जा रहा है। इसलिए युवाओं की भागीदारी बेहद जरूरी है।

डॉक्टरों और विशेषज्ञों की सलाह

कई ऑनकोलॉजिस्ट्स का मानना है कि कैंसर की रोकथाम में तीन चीज़ें सबसे जरूरी हैं — Healthy Lifestyle, Routine Screening, और Timely Diagnosis।

Moneycontrol की रिपोर्ट में डॉक्टरों ने कहा कि “लक्षणों का इंतजार न करें, खासकर अगर परिवार में किसी को पहले कैंसर हो चुका है।” ऐसे लोगों को साल में एक बार जांच जरूर करानी चाहिए।

इसी तरह Times of India Health Section के अनुसार, भारतीय महिलाओं में कैंसर जागरूकता अभी भी बहुत कम है। इसलिए शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों को साथ लेकर चलना जरूरी है।

सरकार की नई पहलें (2025)

भारत सरकार ने 2025 से “One Nation, One Health Card” योजना शुरू की है। इस कार्ड से हर नागरिक का मेडिकल रिकॉर्ड डिजिटल रूप में रहेगा, जिससे कैंसर जैसी बीमारियों की शुरुआती जांच आसान होगी।

इसके अलावा “Ayushman Bharat 2.0” के तहत कैंसर मरीजों को मुफ्त इलाज की सुविधा और मेडिसिन सपोर्ट भी दिया जा रहा है। AIIMS और Tata Hospitals जैसे केंद्रों को अतिरिक्त बजट के साथ जोड़ा गया है।

इन पहलों के बारे में विस्तृत जानकारी स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट main.mohfw.gov.in पर उपलब्ध है।

National Cancer Awareness Day 2025: निष्कर्ष

कैंसर के खिलाफ लड़ाई सिर्फ डॉक्टर या सरकार की नहीं है, यह हर नागरिक की जिम्मेदारी है। अगर हम अपनी आदतें सुधारें, जांच करवाएँ और दूसरों को जागरूक करें, तो कैंसर से लड़ाई आधी जीत ली जाएगी।

याद रखें, “कैंसर जितनी जल्दी पकड़ा जाए, उतनी जल्दी हराया जा सकता है।” National Cancer Awareness Day हमें यही सिखाता है कि सावधानी, जागरूकता और समय पर कार्रवाई ही जीवन की रक्षा कर सकती है।

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